iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की बिजाई धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है। एक तो इसका घरेलू बाजार भाव काफी ऊंचा चल रहा है और सरकार ने भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है जबकि प्रमुख उत्पादक राज्यों में बिजाई के लिए स्थिति अनुकूल बनी हुई है।
गत सप्ताह गेहूं का बिजाई क्षेत्र पिछले साल से 5 प्रतिशत पीछे था जबकि उससे पूर्व के सप्ताह में यह 11 प्रतिशत पीछे हो गया था। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि गेहूं के क्षेत्रफल में गिरावट की अच्छी कवरिंग हो रही है और आगामी समय में यदि इसका रकबा पिछले साल से आगे निकल जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी।
अक्सर दिवाली पर्व के बाद गेहूं की जोरदार बिजाई होने लगती है। कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अल नीनो के संभावित प्रकोप से उबरना है तो नवम्बर के अंत तक कम से कम 100 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में गेहूं की बिजाई पूरी हो जानी चाहिए।
17 नवम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र 86.02 लाख हेक्येटर दर्ज किया गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 91.02 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 91.02 लाख हेक्टेयर से 5 लाख हेक्टेयर कम था।
कृषि मंत्रालय को भरोसा है कि गेहूं के क्षेत्रफल में जल्दी ही बढ़ोत्तरी हो सकती है क्योंकि कृषक समुदाय इसकी खेती में काफी अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। पंजाब-हरियाणा में शीघ्र ही बिजाई समाप्त होने वाली है।