iGrain India - कुआलालम्पुर । एक अग्रणी रेटिंग एजेंसी ने मलेशिया में वर्ष 2024 के दौरान क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का औसत वायदा भाव 3515 रिंगिट टन रहने की संभावना व्यक्त की है जो पिछले अनुमान 3400 रिंगिट प्रति टन से 115 रिंगिट ज्यादा है।
लेकिन यह आंकड़ा वर्ष 2023 के लिए लगाए गए अनुमान से 7.5 प्रतिशत कम है। एजेंसी के अनुसार 2022-23 सीजन के दौरान पाम तेल का वैश्विक उत्पादन 12 लाख टन अधिशेष रहा था और 2023-24 के सीजन में भी इतना ही अधिशेष उत्पादन होने की संभावना है।
निकटतम पांच वर्षों के दौरान औसतन 30 लाख टन पाम तेल का अधिशेष उत्पादन आंका गया था जिसके मुकाबले अब उत्पादन काफी घट गया है।
उत्पादन में सीमित बढ़ोत्तरी एवं क्रूड खनिज तेल बाजार की स्थिति को देखते हुए क्रूड पाम तेल (सीपीओ) के वायदा मूल्य अनुमान में बढ़ोत्तरी की गई है।
एजेंसी का कहना है कि निकट भविष्य में यानी वर्ष 2023 के अंत एवं 2024 के आरंभ तक पाम तेल बाजार को कुछ झंझावातों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जाड़े के दिनों में भारत में पाम तेल की मांग कमजोर रह सकती है और वहां इसका आयात घट सकता है।
हाल के महीनों में भारत में खाद्य तेलों का अत्यंत विशाल आयात हुआ है जिससे वहां भारी-भरकम स्टॉक मौजूद है और इसलिए आगे कम आयात होने पर भी ज्यादा फर्म नहीं पड़ेगा।
लेकिन चीन में अगले वर्ष के आरंभ में पाम तेल का आयात बढ़ने की संभावना है। वहां 10 फरवरी 2024 ल्यूनर नव वर्ष का त्यौहार मनाया जाएगा इसलिए जनवरी में पाम तेल का भारी आयात हो सकता है।
इससे भारतीय आयात में आने वाली गिरावट की आंशिक भरपाई संभव हो सकती है। पाम तेल के मूल्य अनुमान के लिए प्रमुख जोखिम अल नीनो मौसम चक्र को माना जा रहा है और जो अभी सक्रिय है। इससे वर्ष 2024 एवं 2025 के दौरान पाम तेल के उत्पादन तथा बाजार भाव पर असर पड़ सकता है।
समझा जाता है कि वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही तक इसकी सक्रियता समाप्त हो सकती है जबकि वर्ष 2023 के अंत तक सबसे मजबूत अल नीनो बनने के 35 प्रतिशत आसार हैं। इससे इंडोनेशिया एवं मलेशिया में क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। इसके फलस्वरूप बाजार भाव कुछ ऊंचा रह सकता है।