iGrain India - नई दिल्ली । अब तक जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उससे प्रतीत होता है कि पिछले सीजन की भांति 2023-24 के रबी सीजन में भी गेहूं का घरेलू उत्पादन कम होगा। इसके फलस्वरूप विदेशों से अगले साल इसके आयात की आवश्यकता पड़ सकती है।
खरीफ (मानसून) सीजन के दौरान अपर्याप्त एवं अनियमित वर्षा के कारण फसलों को नुकसान हुआ और वर्तमान रबी सीजन में भी स्थिति बहुत खराब नहीं देखी जा रही है।
हालांकि सरकार गेहूं उत्पादन को सामान्य स्तर पर बरकरार रखने के लिए नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रही है लेकिन अनुकूल मौसम का सहारा नहीं मिला तो उत्पादन में गिरावट की आशंका बढ़ सकती है।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कहना है कि सरकार केन्द्रीय पूल से खाद्यान्न और खासकर गेहूं की भारी निकासी कर रही है जिससे इसका स्टॉक घटता जा रहा है।
यदि ऐसी हालत में उत्पादन में ज्यादा गिरावट आई तो घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयात ही एक मात्र विकल्प बचेगा। एक अग्रणी समीक्षक के अनुसार विशाल मात्रा में खपत होने वाले इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न- गेहूं के उत्पादन पर अनिश्चितता के बदल छाए हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा 2022-23 के सीजन हेतु गेहूं का उत्पादन 1105 लाख टन आंका गया जबकि 2023-24 सीजन के लिए 1140 लाख टन के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया गया है।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र का मानना है कि 2022-23 के सीजन में गेहूं का वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से बहुत कम हुआ और 2023-24 सीजन का उत्पादन उससे भी कम हो सकता है।
चालू सीजन में गेहूं का उत्पादन 7-8 प्रतिशत तक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। गेहूं का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है जबकि कुछ राज्यों में बिजाई के लिए स्थिति पूरी तरह अनुकूल नहीं है।
गुजरात में क्षेत्रफल करीब 33 प्रतिशत पीछे चल रहा है जबकि 17 नवम्बर तक राजस्थान में भी गेहूं का रकबा करीब 43 प्रतिशत पीछे था। महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के कुछ भागों में बिजाई घटने की सूचना मिल रही है।
पंजाब में 15 नवम्बर तक गेहूं की बिजाई का आदर्श समय रहता है मगर 27 नवम्बर तक वहां इस बार करीब 4 लाख हेक्टेयर में इसकी बिजाई नहीं हो पाई थी।
समीक्षकों के मुताबिक अल नीनो मौसम चक्र का प्रकोप मार्च- अप्रैल तक बरकरार रहने की संभावना है जबकि मौसम विभाग ने भी माना है कि इस बार तापमान सामान्य स्तर से ऊंचा रह सकता है। इससे गेहूं की फसल की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो सकती है। पूरी स्थिति जानने के लिए मार्च तक इंतजार करना बेहतर होगा।