iGrain India - कीव । हालांकि रूस पहले ही धमकी दे चुका है अगर यूक्रेन ने काला सागर के जल मार्ग से अनाजों के निर्यात शिपमेंट का प्रयास किया तो उसके जहाजों पर हमला करके उसे क्षतिग्रस्त या जब्त किया जा सकता है लेकिन इसकी परवाह न करते हुए यूक्रेन के निर्यतक इस जल मार्ग से भारी मात्रा में कृषि उत्पादों का नियमित शिपमेंट कर रहे हैं।
यूक्रेन के राष्ट्रपति का कहना है कि उसे सहयोग देने वाले देश काला सागर में उसके वाणिज्यिक जहाजों को संरक्षण देने में सहायता करने के लिए सहमत हो गए हैं लेकिन इसके लिए और अधिक वायु रखा प्रणाली की जरूरत है।
यूक्रेन के मध्यवर्ती भाग में अनाज का विशाल स्टॉक अभी मौजूद है। तमाम कंपनियां जरूरतमंद देशों में इसका निर्यात करना चाहती है लेकिन रूस की चेतावनी के कारण उसे जहाजों के जब्त या नष्ट किए जाने का डर सता रहा है। लेकिन धीरे-धीरे यह डर कम या खत्म होने लगा है।
भंडारण केन्द्रों या उत्पादक क्षेत्रों से खाद्यान्न की अधिक से अधिक मात्रा काला सागर तट पर अवस्थित यूक्रेन के बंदरगाहों पर पहुंचाई जा रही है। रूस ने पहले इन बंदरगाहों से जहाजों को गुजरने के लिए काला सागर क्षेत्र में एक सुरक्षित कोरीडोर दिया था लेकिन बाद में उसे भी बंद कर दिया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि रूसी खतरा बरकरार है लेकिन यूक्रेन निर्यात के लिए प्रयास करता रहेगा। अपने सहयोगी देशों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खाद्यान्न का शिपमेंट जारी रखा जाएगा और इसकी सुरक्षा के लिए उन देशों की मदद की जाएगी।
यूक्रेन ने एक नया कोरीडोर खोला है जिसकी सुरक्षा सेना द्वारा की जा रही है। अब इस रास्ते से खाद्यान्न तथा अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात होने की संभावना है। वहां तक अनाज पहुंचाने के लिए गोदामों-वेयर हाउसों को खाली किया जा रहा है।
यूक्रेन के काला सागर क्षेत्र में स्थित बंदरगाहों पर जहाजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहां जहाजों पर अनाज, धातु एवं अन्य वस्तुओं की लदान हो रही है।
यदि ये जहाज अपने गंतव्य स्थान तक सुरक्षित पहुंच गये तो यूक्रेन को अपने उत्पादों के निर्यात शिपमेंट का एक वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। लेकिन यह देखना आवश्यक होगा कि रूस इसे रोकने के लिए क्या करता है और पश्चिमी देशों की उस पर क्या प्रतिकिया होती है।