iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से अगले पांच साल तक प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना या मुफ्त राशन वितरण योजना को जारी रखने का फैसला किया है जिसके तहत 81 करोड़ लोगों को प्रति माह 5 किलो अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त में दिया जाता है।
केन्द्रीय पूल में मौजूद खाद्यान्न का इसके लिए इस्तेमाल होता है। इसके अलावा सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून 2023 से 31 मार्च 2024 तक कुल 101.50 लाख टन गेहूं की बिक्री का ऑफर देने का निर्णय लिया है। इसके फलस्वरूप बफर स्टॉक में गेहूं का भंडार घटकर काफी नीचे आ सकता है।
गेहूं रबी सीजन का सबसे प्रमुख खाद्यान्न है। इसकी बोआई तो पहले ही शुरू हो चुकी है लेकिन इसका क्षेत्रफल गत वर्ष से करीब 5 प्रतिशत पीछे चल रहा है। पिछले सीजन की भांति चालू सीजन में भी गेहूं का घरेलू उत्पादन घटने की संभावना है।
सरकार ने 2023-24 सीजन के लिए गेहूं का उत्पादन लक्ष्य 1140 लाख टन निर्धारित किया है जबकि उद्योग-व्यापार समीक्षकों का मानना है कि कुल वास्तविक उत्पादन इससे 10 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
इससे सरकारी खरीद में भी कमी आने की संभावना है क्योंकि ऊंचे बाजार भाव को देखते हुए किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सरकारी एजेंसियों को अपना गेहूं बेचने में कम दिलचस्पी दिखा सकते हैं।
हालांकि सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है लेकिन थोक मंडी भाव इससे भी ऊपर चल रहा है।
यदि उत्पादन एवं सरकारी खरीद गिरावट आई तो घरेलू बाजार में गेहूं का भाव अनियंत्रित हो सकता है और इस पर अंकुश लगाने के लिए विदेशों से इसके आयात की आवश्यकता बढ़ सकती है। गेहूं पर फिलहाल 40 प्रतिशत का आयात शुल्क बना हुआ है जिसे अगले साल की दूसरी छमाही में हटाया जा सकता है।
हालांकि गेहूं का कुल बिजाई क्षेत्र कमोबेश पिछले सीजन के स्तर तक पहुंच सकता है। और सरकार ने इसमें से 60 प्रतिशत क्षेत्रफल में जलवायु प्रतिरोधी किस्मों की खेती का लक्ष्य भी नियत किया है लेकिन अनुमान के अनुरूप यदि जनवरी से अप्रैल तक अल नीनो मौसम चक्र का गंभीर प्रकोप रहा तो गेहूं की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। देश के पश्चिमोत्तर भाग पर इसका ज्यादा असर पड़ने की आशंका है जबकि वहां अत्यन्त विशाल मात्रा में इसका उत्पादन होता है।