iGrain India - सोरिसो । लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील में कपास की खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले सीजन के दौरान वह कपास के उत्पादन में चौथे एवं निर्यात में दूसरे नम्बर पर पहुंच गया।
वहां प्रथम या पूर्ण सीजन की कपास का बिजाई बिजाई क्षेत्र पिछले साल की तुलना में करीब 14 प्रतिशत बढ़कर 19.40 लाख हेक्टेयर (47.90 लाख एकड़) पर पहुंच गया है जबकि सफरीन्हा कपास की बिजाई जनवरी-फरवरी में होने की संभावना है।
चूंकि ब्राजील में रूई की घरेलू खपत काफी कम होती है इसलिए उसे अपने अधिकांश उत्पादन का विदेशों में निर्यात करने में सफलता मिल जाती है। ब्राजील में उत्पादन रूई की क्वालिटी भी काफी अच्छी होती है।
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- माटो ग्रोसो में मात्र 10-15 प्रतिशत क्षेत्र में कपास की खेती प्रथम या पूर्ण सीजन में होती है जबकि शेष बिजाई सोयाबीन फसल की कटाई के बाद सफरीन्हा सीजन के दौरान की जाती है। लेकिन इस बार वहां करीब 20 प्रतिशत क्षेत्र में कपास की बिजाई प्रथम सीजन में होने के संकेत मिल रहे हैं क्योंकि सोयाबीन का क्षेत्रफल कुछ घट गया है।
2023-24 सीजन के दौरान ब्राजील में रूई का उत्पादन 2022-23 सीजन की तुलना में 16.4 प्रतिशत बढ़कर 37.40 लाख टन पर पहुंच जाने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि कपास (रूई) के निर्यात में ब्राजील धीरे-धीरे दुनिया का सबसे अग्रणी देश बनने की ओर अग्रसर है।
2023-24 के मार्केटिंग सीजन के बाद वह अमरीका को पीछे छोड़कर इसका सबसे बड़ा निर्यातक देश बन सकता है। वैसे अभी वह अमरीका से कुछ पीछे है। 2023-24 के सीजन में अमरीका से 27 लाख टन तथा ब्राजील से 26 लाख टन रूई का निर्यात होने का अनुमान लगाया गया है।
ब्राजील में 37 लाख टन के कुल उत्पादन में से 26 लाख टन का निर्यात होना यह दर्शाता है कि उसके घरेलू प्रभाग में उसकी खपत काफी कम होती है।
अच्छी क्वालिटी एवं प्रतिस्पर्धी कीमत के कारण वैश्विक बाजार में ब्राजील की रूई की भारी मांग रहती है। ब्राजील अभी कपास के उत्पादन में भारत, चीन और अमरीका से पीछे चौथे स्थान पर है जबकि पाकिस्तान पांचवें नंबर पर खिसक गया है।