iGrain India - मुम्बई । केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से अब तक 900 करोड़ रुपए मूल्य की 2.50 लाख गांठ रूई की खरीद की जा चुकी है।
ज्ञात हो कि रूई की प्रत्येक गांठ 170 किलो की होती है। भारी आवक के कारण कपास का थोक मंडी भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आने के कारण निगम को रूई की खरीद करने का अवसर मिल गया।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के सीजन हेतु कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य लम्बे रेशेवाली किस्म का 7020 रुपए प्रति क्विंटल तथा मीडियम रेशेवाली श्रेणी का 6620 रुपए प्रति क्विंटल (100 किलो) निर्धारित किया है।
सीसी आई के सीएमडी का कहना है कि देश के 11 प्रमुख कपास उत्पादक प्रांतों में से केवल गुजरात को छोड़कर शेष 10 राज्यों में रूई का दाम गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया है इसलिए निगम को वहां किसानों से इसकी खरीद करनी पड़ रही है।
इन उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक एवं तमिलनाडु शामिल हैं। सीसीआई की रूई खरीद की कोई सीमा नहीं है।
कोरोना महामारी के दौरान निगम द्वारा करीब 65,000 करोड़ रुपए मूल्य की रूई खरीदी गई थी और जब आपूर्ति का सीजन खत्म होने के बाद बाजार में अभाव उत्पन्न हुआ तब स्टॉक को बेच दिया गया।
उत्पादन घटने की आशंका से आगामी समय में कपास का भाव मजबूत होने की उम्मीद है। सीएआई ने रूई का उत्पादन 295 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है।