iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की बिजाई गत वर्ष से करीब 10 लाख हेक्टेयर पीछे चल रही है जो चिंता का विषय है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि 1 दिसम्बर 2023 तक राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का उत्पादन क्षेत्र 187.95 लाख हेक्टेयर पर ही पहुंच सका जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 197.60 लाख हेक्टेयर से 9.65 लाख हेक्टेयर कम है।
चूंकि आगामी महीनों के दौरान मौसम की हालत अनिश्चित रहने की आशंका है और अल नीनो मौसम चक्र का प्रभाव भी हो सकता है इसलिए गेहूं का बिजाई क्षेत्र बेहतर होना आवश्यक है ताकि उपज दर में थोड़ी बहुत गिरावट आने के बावजूद इसका कुल उत्पादन सामान्य स्तर पर बरकरार रह सके।
गेहूं का सरकारी स्टॉक घटता जा रहा है और 1 अप्रैल 2024 को नया मार्केटिंग सीजन आरंभ होने के समय यह न्यूनतम आवश्यक मात्रा में सिमट सकता है जो 74.60 लाख हेक्टेयर माना जा रहा है। ऐसी हालत में यदि गेहूं का उत्पादन कमजोर रहा और इसकी सरकारी खरीद में अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं हुई तो बाजार भाव मजबूत बना रहेगा।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं का उत्पादन क्षेत्र यद्यपि उत्तर प्रदेश में 57.48 लाख हेक्टेयर से उछलकर 59.67 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 42.20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 44.33 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर दूसरी ओर राजस्थान में 23.31 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 18.50 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 33.68 लाख हेक्टेयर से घटकर 33.34 लाख हेक्टेयर,
हरियाणा में 16.96 लाख हेक्टेयर से गिरकर 16.15 लाख हेक्टेयर, बिहार में 4.31 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर 84 हजार हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 3.73 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.99 लाख हेक्टेयर तथा गुजरात में 5.76 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.94 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
इसके अलावा गेहूं का उत्पादन क्षेत्र जम्मू कश्मीर में 1.49 लाख हेक्टेयर, उत्तराखंड में 22 हजार हेक्टेयर, झारखंड में 15 हजार हेक्टेयर, कर्नाटक में 49 हजार हेक्टेयर, उत्तराखंड में 23 हजार हेक्टेयर तथा देश के अन्य राज्यों में 5.57 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया जो पिछले साल से कम है।
गेहूं की बिजाई अभी कुछ सप्ताहों तक जारी रहेगी लेकिन इसका कुल क्षेत्रफल गत वर्ष के स्तर तक पहुंचता है या नहीं यह देखना महत्वपूर्ण होगा।