💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

ज्वार और जौ का क्षेत्रफल गत वर्ष से पीछे

प्रकाशित 05/12/2023, 12:13 am
ज्वार और जौ का क्षेत्रफल गत वर्ष से पीछे

iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के दो महत्वपूर्ण मोटे अनाज- ज्वार एवं जौ का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है। ज्वार की खेती तो खरीफ और रबी- दोनों सीजन में होती है मगर जौ रबी सीजन की खास फसल है।

यद्यपि सरकार द्वारा इन दोनों फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है और इसकी बिजाई के लिए परिस्थितियां भी अनुकूल हैं लेकिन फिर भी क्षेत्रफल में गिरावट देखी जा रही है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर रबी कालीन ज्वार का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 18.21 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 16.73 लाख हेक्टेयर रह गया है जिसका प्रमुख कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तमिलनाडु में कम बिजाई होना है।

पिछले साल के मुकाबले चालू रबी सीजन के दौरान ज्वार का उत्पादन क्षेत्र महाराष्ट्र में 9.88 लाख हेक्टेयर से गिरकर 9.62 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 5.48 लाख हेक्टेयर का घटकर 4.54 लाख हेक्टेयर तथा में 1.81 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 1.49 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।

इसी तरह इसका रकबा गुजरात में 36 हजार हेक्टेयर से घटकर 15 हजार हेक्टेयर पर आ गया लेकिन अन्य प्रांतों में यह 68 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 93 हजार हेक्टेयर पर पहुंच गया। ज्वार की बिजाई की गति अब भी धीमी चल रही है। 

जहां तक जौ का सवाल है तो सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में ऊंचे भाव के कारण इसका उत्पादन क्षेत्र बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी लेकिन अभी तक यह गत वर्ष से कुछ पीछे है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इसका रकबा बढ़ा है।

राष्ट्रीय स्तर पर इसका कुल उत्पादन क्षेत्र 7.92 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जो है जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 7.98 लाख हेक्टेयर से कुछ ही कम है।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान जौ का क्षेत्रफल राजस्थान में 3.37 लाख हेक्टेयर से घटकर 3.18 लाख हेक्टेयर रह गया जबकि उत्तर प्रदेश में 1.07 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 1.49 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।

इसके अलावा मध्य प्रदेश में 25 हजार हेक्टेयर एवं हरियाणा में 8 हजार हेक्टेयर में जौ की खेती हुई है जो गत वर्ष के लगभग बराबर रही है। देश के अन्य राज्यों में जौ का रकबा 3.21 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.92 लाख हेक्टेयर  रह गया है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित