iGrain India - नई दिल्ली । मूंग एवं उड़द का उत्पादन खरीफ के साथ-साथ रबी सीजन में भी होता है। केन्द्र सरकार पहले ही खरीफ सीजन में इन दोनों महत्वपूर्ण दलहन फसलों के उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान लगा चुकी है जबकि रबी सीजन में इसकी बिजाई गत वर्ष से पीछे चल रही है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू रबी सीजन के दौरान मूंग का उत्पादन क्षेत्र 68 हजार हेक्टेयर से गिरकर 49 हजार हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 3.17 लाख हेक्टेयर से घटकर 2.46 लाख हेक्टेयर रह गया।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान मूंग का क्षेत्रफल उड़ीसा में 28 हजार हेक्टेयर से फिसलकर 27 हजार हेक्टेयर, तमिलनाडु में 25 हजार हेक्टेयर से घटकर 15 हजार हेक्टेयर, आंध्र प्रदेश में 7 हजार हेक्टेयर से गिरकर 3 हजार हेक्टेयर तथा अन्य राज्यों में 8 हजार हेक्टेयर से गिरकर 4 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया।
ध्यान देने वाली बात है कि रबी कालीन मूंग की खेती अधिकांशतः दक्षिण भारत में होती है जहाँ पिछले महीने से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इससे मूंग की बिजाई प्रभावित हो रही है। समझा जाता है कि आगे इसकी बिजाई की गति तेज हो सकती है जिससे क्षेत्रफल सुधर सकता है।
जहां तक उड़द का सवाल है तो इसकी बिजाई की गति भी धीमी बनी हुई है। इसका उत्पादन भी मुख्यत: दक्षिणी राज्यों में ही होता है। हालांकि आंध्र प्रदेश में उड़द का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 28 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 38 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर तमिलनाडु एवं उड़ीसा में घट गया।
उल्लेखनीय है कि मूंग एवं उड़द का बाजार भाव ऊंचा एवं तेज चल रहा है जिसे देखते हुए इसके क्षेत्रफल में इजाफा होना चाहिए था मगर मौसमी परिस्थतियों के कारण ऐसा नहीं हो सका है। मूंग का आयात बंद है।