iGrain India - कानपुर । उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड संभाग में विभिन्न मंडियों में बिक्री के लिए रखी गई मूंगफली के स्टॉक को भारी बेमौसमी बारिश से काफी नुकसान होने की सूचना मिल रही है जिससे किसानों की चिंता एवं निराशा बढ़ गई है।
एक कृषक संगठन के अनुसार महोबा एवं बांदा जिले की मंडियों में फसल कटाई के बाद मूंगफली का भारी-भरकम स्टॉक लाया गया था जिसकी बिक्री होनी थी लेकिन उससे पूर्व ही अचानक जोरदार बारिश हो गई जिससे हजारों क्विंटल मूंगफली बर्बाद हो गई। चूंकि अगले कुछ दिनों में और भी वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है बद से बदतर होने की आशंका है।
चालू वर्ष के दौरान बुंदेलखंड संभाग में मूंगफली फसल की हालत काफी अच्छी रही और इसे देखते हुए इसके शानदार उत्पादन की उम्मीद व्यक्त की जा रही थी। किसान काफी खुश थे मगर अब असामयिक बारिश ने उसकी ख़ुशी पर ग्रहण लगा दिया है।
एक किसान नेता के अनुसार इस बेमौसम वर्षा की उम्मीद नहीं की जा रही थी। मंडियों में किसानों की मूंगफली की हजारों बोरियां खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई थी जो पानी में भींगकर खराब हो गई। केवल महोबा मंडी में ही 60 लाख रुपए से अधिक मूल्य की मूंगफली के बर्बाद होने की आशंका है जबकि अन्य जिलों का नुकसान इससे अलग है। इस बार मंडियों में मूंगफली का दाम भी नरम चल रहा है जिससे किसान चिंतित हैं जबकि स्टॉक बर्बाद होने से इसकी कठिनाई और भी बढ़ गई है।
हालांकि महोबा गल्ला मंडी में किसानों के उत्पाद को के लिए टीन शेड बनाया गया है ताकि प्रतिकूल मौसम के समय वहां स्टॉक का सुरक्षित भंडार किया जा सके लेकिन पिछले तीन-चार वर्षों से देखा जा रहा है कि वहां खरीदार अपना स्टॉक लम्बे समय तक रख रहे हैं और किसानों को माल रखने की जगह नहीं मिल रही है।
जिला प्रशासन इस ओर से उदासीन है इसलिए किसानों के इस नुकसान के लिए उसे भी उत्तरदायी माना जा सकता है। गल्ला मंडी समिति ने भी मूंगफली के स्टॉक को बचाने का कोई उपाय या प्रयास नहीं किया।
विपक्षी दल ने सरकार सरकार किसानों की रक्षा के लिए आगे आने का आग्रह करते हुए उसे क्षतिग्रस्त मूंगफली के लिए उचित मुआवजा देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड संभाग के महोबा, कन्नौज एवं बांदा जिलों में मूंगफली की खेती बड़े पैमाने पर होती है।