iGrain India - जयपुर । एक तरफ देश में पिछले रबी सीजन की सरसों की भारी आवक एवं अच्छी क्रशिंग हो रही है तो दूसरी ओर नए सीजन के लिए इसकी बिजाई भी अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है।
जयपुर के एक लोकप्रिय प्रतिष्ठान- मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार चालू रबी मार्केटिंग सीजन में मार्च से नवम्बर तक 2023 के नो महीनों में देश के अंदर करीब 81 लाख टन सरसों की क्रशिंग हुई।
इसकी मात्रा मार्च में 11 लाख टन, अप्रैल में 9 लाख टन, मई में 8 लाख टन, एवं जुलाई में 9-9 लाख टन, अगस्त में 8.50 लाख टन, सितम्बर में 7.50 लाख टन अक्टूबर एवं नवम्बर में 9.50-9.50 लाख टन दर्ज की गई।
समीक्षाधीन अवधि (मार्च-नवम्बर 2023) के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में कुल 97 लाख टन सरसों की आवक होने का अनुमान लगते हुए कम्पनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजस्थान में 40.10 लाख टन, मध्य प्रदेश में 12.25 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 8.35 लाख टन, गुजरात में 4.05 लाख टन,
पंजाब-हरियाणा में 3.75 लाख टन तथा बंगाल-बिहार सहित अन्य प्रांतों की मंडियों में 14.5 लाख टन सरसों की आपूर्ति हुई। इसके अलावा नैफेड / हैफेड जैसी सरकारी एजेंसियों के क्रय केन्द्रों पर 14.00 लाख टन सरसों पहुंची जहां उसकी खरीद हो गई।
राष्ट्रीय स्तर पर सरसों की आवक मार्च में 16 लाख टन, अप्रैल में 17.50 लाख टन, मई में 11.50 लाख टन, जून में 10.50 लाख टन, जुलाई में 13 लाख टन, अगस्त में 8 लाख टन, सितम्बर में 6 लाख टन अक्टूबर में 7.50 लाख टन एवं नवम्बर में 7.00 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया है।
मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनुसार 2022-23 के रबी सीजन के दौरान राजस्थान में 52 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 14 लाख टन, पंजाब-हरियाणा में 9 लाख टन, गुजरात में 4.75 लाख टन एवं बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 17.25 लाख टन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर कुल 113 लाख टन सरसों का उत्पादन अनुमान लगाया गया जबकि 6 लाख टन के पिछले स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता 119 लाख टन पर पहुंची।
इसमें से फरवरी 2023 के दौरान 7 लाख टन सरसों की आवक हो गई इसलिए 1 मार्च से जब नया मार्केटिंग सीजन शुरू हुआ तब इसकी उपलब्धता 112 लाख टन आंकी गई। इसमें से नवम्बर तक 97 लाख टन की आवक हो गई जिससे किसानों के पास 1 दिसम्बर को 15 लाख टन का स्टॉक बच गया। 81 लाख टन की क्रशिंग होने से मिलर्स- स्टॉकिस्टों के पास कम स्टॉक बच गया।
ध्यान देने की बात है कि 97 लाख टन की कुल आवक में सरकारी एजेंसियों द्वारा 14 लाख टन सरसों की खरीद की गई और 83 लाख टन की वास्तविक आपूर्ति मंडियों में हुई। नैफेड / हैफेड के पास 11 लाख टन का स्टॉक मौजूद है क्योंकि 3 लाख टन की बिक्री हो चुकी है।