iGrain India - यवतमाल । पश्चिम भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र में हुई असामयिक वर्षा एवं कहीं-कहीं ओलावृष्टि से 22 जिलों में चना, तुवर एवं कपास सहित फर्मों तथा सब्जियों की फसल को काफी नुकसान पहुंचने की आशंका है।
समझा जाता है कि वर्षा एवं ओलावृष्टि से विदर्भ संभाग का यवतमाल जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। वहां 1.26 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना मिल रही है।
इसमें चना एवं तुवर की फसल भी शामिल है। तुवर की फसल परिपक्वता (पकने) के चरण की ओर बढ़ रही है जबकि चना की अभी बिजाई हो रही है और इसके पौधे छोटे-छोटे हैं। इसके अलावा कई अन्य जिलों में गेहूं तथा मिर्च की फसल भी क्षतिग्रस्त हुई है।
केन्द्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष चना दाल का औसत मूल्य दिल्ली में 72 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 90 रुपए प्रति किलो तथा मुम्बई में 89 रुपए प्रति किलो से उछलकर 123 रुपए प्रति किलो हो गया है।
इसी तरह अरहर (तुवर) दाल का भाव दिल्ली में 115 रुपए से उछलकर 170 रुपए प्रति किलो तथा मुम्बई में 121 रुपए प्रति किलो से उछलकर 182 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
उड़द दाल की खुदरा कीमत भी इस अवधि के दौरान दिल्ली में 117 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 143 रुपए प्रति किलो तथा मुम्बई में 130 रुपए प्रति किलो से उछलकर 171 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।
मूंग एवं मसूर की दाल में भी तेजी आई है। ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र तुवर का सबसे अग्रणी और चना का एक प्रमुख उत्पादक राज्य है लेकिन फिर भी वहां इसका भाव काफी ऊंचा एवं तेज चल रहा है। बेमौसमी वर्षा एवं ओलावृष्टि से फसल को हुए नुकसान के कारण आगामी दिनों में भी दलहनों का भाव महाराष्ट्र में ऊंचा एवं तेज रहने की संभावना है।
उधर दक्षिण भारत में मिचौंग नामक समुद्री- चक्रवाती तूफान के कारण अत्यन्त तेज हवा के साथ मुलसधार बारिश हो रही है जिससे खासकर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा तमिलनाडु में फसलों को क्षति होने की आशंका है। तमिलनाडु में अत्यन्त भारी वर्षा हो चुकी है और अब भी हो रही है। लेकिन वर्षा से बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने की उम्मीद है।