iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि महाराष्ट्र के कई भागों में हाल के दिनों में अच्छी बारिश हुई है मगर इससे गन्ना की फसल को ज्यादा होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि यह फसल पहले ही मैच्योर हो चुकी है और इसकी कटाई-तैयारी तथा पेराई पहले ही आरंभ हो चुकी है।
अधिक से अधिक कुछ इलाकों में गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में थोड़ा- बहुत सुधार आ सकता है। इससे महाराष्ट्र में तथा राष्ट्रीय स्तर पर चीनी के कुल उत्पादन पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र के तमाम विश्लेषक एक स्वर में कह रहे हैं कि चीनी का उत्पादन इस बार पिछले सीजन से भी कम होगा जबकि पिछले सीजन के दौरान भी उत्पादन में भारी गिरावट आई थी।
चीनी का उत्पादन खासकर महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में काफी घटने की संभावना है जो देश का क्रमश: सबसे प्रमुख एवं तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। महाराष्ट्र में 2022-23 सीजन के दौरान 105 लाख टन से कुछ अधिक चीनी का उत्पादन हुआ था जबकि 2023-24 के सीजन में उत्पादन घटकर 85 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
कर्नाटक में भी उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है लेकिन उत्तर प्रदेश में उत्पादन बढ़कर 110 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है जिससे वह चीनी के उत्पादन में प्रथम स्थान पर पहुंच सकता है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ना की सीमित आपूर्ति एवं उपलब्धता के कारण इस बार क्रशिंग का सीजन छोटा रहेगा मगर उत्तर प्रदेश में गन्ना की पेराई लम्बे समय तक जारी रहने की उम्मीद है।