iGrain India - नई दिल्ली । आधिकारिक आंकड़ों से ज्ञात होता है कि देश में मिलेट्स के कुल उत्पादन में बाजरा का योगदान 66 प्रतिशत, ज्वार का अंशदान 27 प्रतिशत तथा रागी का योगदान 11 प्रतिशत रहता है जबकि अन्य मिलेट्स की भागीदारी महज 2 प्रतिशत रहती है।
हाल के वर्षों में इन अनाजों का बाजार भाव तेज हुआ है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र की सोलापुर मंडी में ज्वार का औसत थोक बाजार भाव दिसम्बर माह के दौरान वर्ष 2019 में 3500 रुपए प्रति क्विंटल था जो 2020 में इसी स्तर पर स्थिर रहने के बाद 2021 में घटकर 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर आया मगर 2022 में बढ़कर 3800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। दिसम्बर 2023 में यह उछलकर 6000 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है।
लेकिन बाजार की कीमतों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं आया। दिसम्बर 2023 में 2100 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा है। दिसम्बर 2020 में यह घटकर महज 1300 रुपए प्रति क्विंटल रह गया था मगर दिसम्बर 2021 में सुधरकर 1600 रुपए तथा 2022 में बढ़कर 2000 रुपए प्रति क्विंटल पर आ पहुंचा। यह राजस्थान की अलवर मंडी का थोक भाव है।
जहां तक रागी का सवाल है तो कर्नाटक के बंगलौर में इसका औसत थोक बाजार मूल्य नवम्बर 2019 में 3250 रुपए प्रति क्विंटल था जो नवम्बर 2020 में गिरकर 3150 रुपए प्रति क्विंटल तथा नवम्बर 2021 में फिसलकर 2900 रुपए प्रति क्विंटल पर आने के बाद नवम्बर 2022 में सुधरकर 3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा और नवम्बर 2023 में उछलकर 4000 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया।
उपरोक्त आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान ज्वार, बाजरा एवं रागी के दाम में जोरदार इजाफा हुआ है जिससे आने वाले समय में किसानों को इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है। मिलेट्स की मांग एवं खपत लगातार बढ़ती जा रही है।