iGrain India - हनोई । दुनिया के तीसरे सबसे प्रमुख चावल निर्यातक देश- वियतनाम में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का निर्यात ऑफर मूल्य उछलकर 663 डॉलर प्रति टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है जो अन्य निर्यातक देशों में प्रचलित भाव से ऊंचा है।
भारत से बासमती सफेद (कच्चे) चावल का निर्यात बंद होने, थाईलैंड में स्टॉक सीमित रहने तथा वैश्विक बाजार में मांग बढ़ने से वियतनामी चावल का दाम तेजी से बढ़ रहा है। स्वयं वियतनाम में भी चावल का स्टॉक बहुत ज्यादा नहीं है और घरेलू बाजार भाव काफी ऊंचा हो गया है।
वियतनाम में चालू सप्ताह के प्रथम दिन ही चावल का भाव 2 प्रतिशत बढ़कर 663 डॉलर प्रति टन पर पहुंचा। उधर थाईलैंड में पिछले एक माह के दौरान चावल का दाम 8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 625 डॉलर प्रति टन तथा पाकिस्तान में 9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 600 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक भारत से आपूर्ति बंद होने के कारण वैश्विक चावल बाजार में असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई है। एक तरफ अनेक देशों में चावल की मांग तेजी से बढ़ रही है तो दूसरी ओर प्रमुख निर्यातक देशों में स्टॉक घटता जा रहा है।
भारत का वैश्विक चावल निर्यात में 40-42 प्रतिशत का योगदान रहता है और यह संसार में इस खाद्यान्न का सबसे बड़ा निर्यातक देश है इसलिए वहां से शिपमेंट बंद होने का असर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चावल की आपूर्ति एवं कीमत पर पड़ना स्वाभाविक ही है।
इसके अलावा दक्षिण-पूर्व एशिया में चावल का स्टॉक काफी घट गया है और निर्यातक देशों में भाव काफी ऊंचा हो गया है। भारत सरकार फिलहाल चावल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने का कोई संकेत नहीं दे रही है इसलिए वैश्विक निर्यात बाजार पर इसका गहरा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ रहा है।
वियतनाम के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि 90 प्रतिशत चावल उच्च क्वालिटी का है। फिलहाल घरेलू एवं निर्यात मांग को पूरा करने के लिए देश में चावल का समुचित स्टॉक मौजूद है। चालू वर्ष के दौरान वियतनाम से चावल का कुल निर्यात बढ़कर 80 लाख टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
जनवरी-नवम्बर 2023 के 11 महीनों के दौरान वियतनाम से 4.40 अरब डॉलर मूल्य के 77.50 लाख टन चावल का निर्यात हुआ। फिलीपींस, इंडोनेशिया एवं चीन सहित कई अन्य देश अभी वियतनामी चावल की खरीद कर रहे हैं। चावल की निर्यात आय पहले ही 36 प्रतिशत बढ़ चुकी है।