iGrain India - तिरुअनतपुरम । दक्षिण भारत में मिचौंग चक्रवाती तूफान के प्रभाव से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा एवं पांडीचेरी में जबरदस्त बारिश हुई। तमिलनाडु के उत्तरी तटवर्ती क्षेत्रों में दो दिनों तक तेज हवा के साथ अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात बन गए। अब तूफान का प्रकोप खत्म हो गया है।
तमिलनाडु से आगे बढ़ते हुए यह तूफान आंध्र प्रदेश एवं उड़ीसा के तटवर्ती क्षेत्रों में पहुंचा और वहां भी जोरदार वर्षा हुई। इसके साथ-साथ तेलंगाना एवं पांडीचेरी के कई इलाकों में भारी वर्षा दर्ज की गई। मिचौंग तूफान अब कमजोर पड़ चुका है लेकिन इससे जो भयंकर बारिश हुई वह फसलों के लिए नुकसान दायक साबित होगी।
आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटवर्ती क्षेत्रों में हुई जबरदस्त बारिश से खेतों में पानी भरने के कारण रबी फसलों की बिजाई में बाधा पड़ने की आशंका है। मालूम हो कि रबी सीजन के दौरान वहां धान, दलहन, तिलहन एवं मोटे अनाजों की अच्छी खेती होती है।
बंगाल की खाड़ी से उत्पन्न यह समुद्री चक्रवाती तूफान काफी खतरनाक साबित हुआ और इससे जान माल की हानि हुई। चेन्नई में एक ही दिन में 45 सें०मी० पूनम माल्ली में 34 सें०मी० की जोरदार बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी 20 सें०मी० से ज्यादा वर्षा हुई। तटीय आंध्रप्रदेश, यानम एवं रायल सीमा भी वर्षा के मामले में ज्यादा पीछे नहीं रहा।
इस भयंकर समुद्री चक्रवाती तूफान के तहत हवा की गति 90 से 100 कि०मी० और कहीं-कहीं 110 कि०मी० प्रति घंटा दर्ज की गई। राहत की बात यह रही कि इस तूफान का फैलाव मुख्यत: तटवर्ती क्षेत्रों तक सीमित रहा जिससे इन राज्यों के आंतरिक भाग पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
मौसम विभाग के अनुसार अगले सात दिनों के दौरान छत्तीसगढ़ तटीय आंध्र प्रदेश, यानम, तेलंगाना, रायल सीमा, तमिलनाडु, पांडिचेरी, कराईकल, तटीय कर्नाटक, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल, माहे तथा लक्ष्यद्वीप में दूर-दूर तक सामान्य से भारी और कहीं-कहीं अत्यन्त भारी वर्षा होने की संभावना है। इससे वहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है।