iGrain India - नई दिल्ली । उम्मीद के अनुरूप आगामी लोक सभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने पीली मटर के आयात पर लगे 50 प्रतिशत के बुनियादी सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर को पूरी तरह वापस ले लिया है।
यह निर्णय आज यानी 8 दिसम्बर 2023 से लागू माना जाएगा और चालू वित्त वर्ष के अंत यानी 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगा। इससे देश में पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। विदेशों से इसका आयात तेजी से बढ़ने की संभावना है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग द्वारा 7 दिसम्बर 2023 को इस आशय की एक अधिसूचना (सं० 64/2023- कस्टम्स) जारी की गई जिसमें कहा गया कि टैरिफ आइटम 0713 10 10 के अंतर्गत आने वाली पीली मटर के आयात को सभी तरह के सीमा शुल्क से पूरी तरह युक्त कर दिया गया है। भारत में दाल-दलहनों के अभाव एवं ऊंचे दाम को देखते हुए संभवतः इस तरह का निर्णय लिया गया है।
इससे पूर्व सरकार मसूर तथा तुवर पर लगे आयात शुल्क को 31 मार्च 2024 तक के लिए समाप्त कर चुकी है जबकि उड़द का भी शुल्क मुक्त आयात हो रहा है। मटर का आयात खुलने से चना सहित अन्य दलहनों की खपत पर दबाव कम हो सकता है।
विदेशों से विशाल मात्रा में सस्ती मटर का आयात होने पर घरेलू बाजार भाव नरम पड़ सकता है इसलिए स्टॉकिस्टों एवं बड़े उत्पादकों को अपने स्टॉक की बिक्री बढ़ने का प्रयास करना चाहिए।
अभी 31 मार्च 2024 तक के लिए सीमा शुल्क हटाया गया है लेकिन इसकी अवधि आगे बढ़ाई जा सकती है क्योंकि अप्रैल-मई में आम चुनाव होना है। वैसे मार्च से ही मटर की नई घरेलू फसल की आवक भी शुरू हो जाएगी। मटर रबी सीजन की एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है जिसकी बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है इसलिए सरकार ने अब इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति देने का फैसला किया है।
भारत में चार-पांच वर्ष पूर्व ही मटर के आयात को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए थे जिससे पीली मटर का आयात लगभग बंद हो गया। अब दोबारा इसके खुलने से खासकर कनाडा के उत्पादकों को भारी फायदा होगा। इस बार भारत में कनाडा के साथ-साथ कुछ अन्य देशों से भी पीली मटर का आयात हो सकता है।