iGrain India - नई दिल्ली । चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से केन्द्र सरकार अब तक 10 से ज्यादा देशों को सफेद (कच्चे) गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दे चुकी है लेकिन इसके अधिकांश भाग का शिपमेंट अब तक नहीं हो पाया है।
सिर्फ तीन देशों को ही चावल भेजा जा सका है। चावल निर्यातक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि यद्यपि सरकार ने अनेक देशों को चावल का निर्यात कोटा आवंटित किया है लेकिन इसके लिए अनुबंध करने में कठिनाई हो रही है क्योंकि सरकार की कोई स्पष्ट या स्थायी मूल्य निर्धारित रणनीति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार अब तक 20 लाख टन से अधिक गैर बासमती सफेद चावल एवं ब्रोकन राइस (टुकड़ी चावल) का निर्यात कोटा आवंटित कर चुकी है लेकिन अभी तक सिर्फ मारीशस, नेपाल एवं भूटान को ही इसकी खेप भेजी गई है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 30 अगस्त को भारत सरकार ने भूटान को 79 हजार टन, मारीशस को 14 हजार टन तथा सिंगापूर को 50 हजार टन गैर बासमती सफेद चावल का आवंटन किया था। इसमें से मारीशस को 5300 टन चावल का शिपमेंट हुआ है जबकि नेपाल तथा भूटान को भी इसकी थोड़ी मात्रा भेजी गई है।
निर्यातकों ने इस आवंटित मात्रा के चावल का शिपमेंट करने में सरकार को सहयोग देने का प्रस्ताव रखा था मगर उस पर ध्यान नहीं दिया गया। सरकारी स्तर पर चावल के निर्यात के लिए जनवरी 2023 में एक नई एजेंसी- नेशनल को ऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लि० (एनसीईएल) का गठन किया गया।
इस एजेंसी को केवल सरकारी स्तर पर स्वीकृत उत्पादों के निर्यात का दायित्व सौंपा गया। सितम्बर में सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात को 75 हजार टन सफेद गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी जबकि अक्टूबर में फिलीपींस, कैमरून, नेपाल, मलेशिया कोट डी आइवरी, गिनी एवं सेशेल्स जैसे देशों के लिए कुल 10.30 लाख टन चावल के निर्यात कोटा आवंटित किया गया। इसके बाद कुछ देशों के लिए टुकड़ी चावल का कोटा भी नियत किया गया।