iGrain India - राजकोट । ऊंचे बाजार भाव से उत्साहित किसान चालू वर्ष के दौरान जीरा की खेती में जबरदस्त दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिससे इसके क्षेत्रफल में शानदार बढ़ोत्तरी हो रही है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान जीरा का उत्पादन क्षेत्र गुजरात में 94 प्रतिशत उछलकर 4,33,754 हेक्टेयर तथा राजस्थान में 16 प्रतिशत बढ़कर 6,51,120 हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
मौसम की हालत अभी कमोबेश अनुकूल है। यदि जनवरी-मार्च के दौरान किसी प्राकृतिक आपदा का प्रकोप नहीं रहा तो 2023-24 के सीजन में जीरा का शानदार घरेलू उत्पादन हो सकता है।
केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल की तुलना में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान देश से जीरा का निर्यात करीब 30 प्रतिशत घटकर 76,969 टन पर सिमट गया।
उल्लेखनीय है कि भारत संसार में जीरा का सबसे प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है। कमजोर निर्यात मांग के कारण जीरा की कीमतों पर दबाव पड़ने लगा है और इसका भाव शीर्ष स्तर की तुलना में अब तक काफी घट चुका है। लेकिन फिर भी यह गत वर्ष से ऊंचा है।
सितम्बर 2023 में हल्दी का निर्यात भी 35 प्रतिशत घटकर 9086 टन पर अटक गया मगर अप्रैल-सितम्बर 2023 की छमाही में धनिया का निर्यात 230 प्रतिशत की जबरद्त बढोत्तरी के साथ 71,931 टन पर पहुंच गया। बेहतर निर्यात प्रदर्शन के सहारे धनिया का घरेलू बाजार भाव मजबूत बना हुआ है।
गुजरात और राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में बिजाई क्षेत्र घटने से भी धनिया का वायदा भाव तेज हुआ है। गुजरात में धनिया का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के मुकाबले करीब 48 प्रतिशत लुढ़ककर 1,08,194 हेक्टेयर रह गया। उधर राजस्थान में भी इसका बिजाई क्षेत्र 5.5 प्रतिशत गिरकर 47,253 हेक्टेयर पर सिमट गया।
जीरा की कीमतों में अगले कुछ महीनों तक जोरदार तेजी आने की संभावना नहीं है। बेशक 2022-23 सीजन के दौरान उत्पादन घटने तथा मंडियों में आवक कम होने से जीरा का भाव उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था लेकिन अब बिजाई शानदार होने से उत्पादकों तथा स्टॉकिस्टों को अपना पुराना माल जल्दी-जल्दी बाजार में उतारना पड़ सकता है क्योंकि अगली नई फसल मार्च-अप्रैल में जोरदार ढंग से आने लगेगी। तब कीमतों पर और भी दबाव पड़ सकता है।