iGrain India - वैंकुवर । बिजाई क्षेत्र में कमी आने तथा मौसम की हालत अनुकूल नहीं रहने से औसत उपज दर घटने से 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान कनाडा में मसूर का उत्पादन 27 प्रतिशत लुढ़ककर 17 लाख टन के आसपास सिमट जाने का अनुमान है जिसमें 3 लाख टन मोटी हरी मसूर, 11 लाख टन लाल मसूर एवं 2.50 लाख टन अन्य श्रेणी की मसूर का अनुमानित उत्पादन शामिल है।
लाल मसूर के उत्पादन में भारी गिरावट आई है जबकि अन्य किस्मों की मसूर के उत्पादन में थोड़ी बढ़ोत्तरी हुई है। बकाया स्टॉक कम होने से कनाडा में मसूर की कुल उपलब्धता भी 27 प्रतिशत घटने की संभावना है। फसल की कटाई-तैयारी पहले ही पूरी हो चुकी है। बाहर से इसका आयात बढ़ सकता है।
कनाडा से मसूर का कुल निर्यात 2023-24 के मार्केटिंग सीजन अगस्त-जुलाई में तेजी से घटकर 16 लाख टन पर सिमटने का अनुमान है। फिलहाल भारत और तुर्की कनाडाई मसूर के दो सबसे प्रमुख खरीदार बने हुए हैं।
2022-23 के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान कनाडा में मसूर का आयात अधिक होने की संभावना है। इसके बावजूद चालू मार्केटिंग सीजन के अंत में वहां मसूर का बकाया अधिशेष स्टॉक काफी घटने के आसार हैं लेकिन सीजन के दौरान वहां मसूर का औसत मूल्य 21 प्रतिशत उछलकर 990 डॉलर प्रति टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने को उम्मीद है। सभी किस्मों एवं श्रेणियों की मसूर का भाव ऊंचा रहेगा।
नवम्बर 2023 के दौरान कनाडा के सबसे प्रमुख दलहन उत्पादन प्रान्त- सस्कैचवान में नम्बर 1 ग्रेड की मोटी हरी मसूर का थोक मंडी भाव अक्टूबर की तुलना में करीब 110 डॉलर प्रति टन ऊंचा हो गया।
लेकिन नम्बर 1 ग्रेड की लाल मसूर का दाम लगभग पिछले स्तर पर स्थिर रहा। कनाडा मसूर की क्वालिटी सामान्य औसत से कुछ अच्छी मानी जा रही है। नम्बर 1 एवं नम्बर 2 ग्रेड की मसूर इस बार कुछ अधिक मात्रा में उपलब्ध है।
2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान कनाडा में नम्बर 1 लाल मसूर की तुलना में नम्बर 1 ग्रेड की मोटी हरी मसूर का भाव औसतन 585 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहने का अनुमान है। जो 2022-23 के सीजन में 403 डॉलर प्रति टन ऊंचा रहा था।
अमरीका में मसूर का बिजाई क्षेत्र 17 प्रतिशत घटकर 5 लाख एकड़ (2 लाख हेक्टेयर) रह गया था। मोन्टाना प्रान्त में इसका रकबा घट गया था।
लेकिन औसत उपज दर बेहतर होने के कारण वहां मसूर का कुल उत्पादन बढ़कर 2.60 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है जो 2022-23 सीजन के उत्पादन से 4 प्रतिशत ज्यादा है।