iGrain India - कोच्चि । खाड़ी क्षेत्र के देशों में रमजान की मांग निकलने से भारतीय हरी (छोटी) इलायची का भाव तेज होने लगा है। घरेलू प्रभाग में भी इसकी अच्छी मांग देखी जा रही है जबकि उत्पादन में गिरावट आने के साथ-साथ इस बार फसल की तुड़ाई-तैयारी भी देर से शुरू हुई।
पिछले दिन उत्पादक क्षेत्र के नीलामी केन्द्रों में इलायची का औसत मूल्य बढ़ते हुए 1750 रुपए प्रति किलो के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया जिससे उत्पादकों को अच्छी आमदनी प्राप्त होने लगी है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र के मुस्लिम बहुल देशों में अक्सर रमजान से पूर्व इलायची की मांग बढ़ जाती है। वहां के आयातक ग्वाटेमाला और भारत से भारी मात्रा में इलायची मंगाकर इसका स्टॉक रख लेते हैं और रमजान के पवित्र माह के दौरान इसकी मांग में होने वाली वृद्धि को पूरा करते हैं।
वहां कुछ सप्ताहों तक इलायची की अच्छी मांग कायम रहने की संभावना है जिससे भारत में इसका भाव मजबूत रहने के आसार हैं।
इस बीच मसाला बोर्ड ने इलायची में मान्यता प्राप्त नीलामी केन्द्रों में समानांतर नीलामी आयोजित करने वालों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि बोर्ड से लाइसेंस प्राप्त किए बगैर नीलामी का आयोजन होता है तो उसे गैर क़ानूनी माना जाएगा और नीलामी कर्ताओं के खिलाफ सख्त आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
ऐसी सूचना मिल रही थी कि केरल एवं तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर चार-पांच फर्मों द्वारा गैर कानूनी तरीके से इलायची में नीलामी आयोजित की जा रही है और स्थानीय उत्पादकों को वहां सस्ते दाम पर अपना स्टॉक बेचने के लिए विवश किया जा रहा है।
इसके फलस्वरूप मसाला बोर्ड द्वारा स्थापित नीलामी केन्द्रों (ई-ऑक्शन सेंटर) तथा अन्य मान्यता प्राप्त नीलामी केन्द्रों में खरीदारों की संख्या घटने लगी है।
मान्यता प्राप्त नीलामी कर्ताओं ने इसके खिलाफ अदालत में मामला दाखिल किया। अदालत ने मसाला बोर्ड एवं केन्द्र सरकार को इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया ओर तदनुरूप मसाला बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी करके गैर कानूनी नीलामी को रोकने का आदेश दिया।