iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार की अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अगले साथ गेहूं की खरीद 1 अप्रैल की नियत तिथि से काफी पहले ही शुरू करने का प्लान बनाया गया है और इसके लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी से आरंभ हो सकता है।
चालू रबी सीजन के लिए गेहूं का सामान्य औसत क्षेत्रफल 307.32 लाख हेक्टेयर आंका गया है जिसके सापेक्ष करीब 92 प्रतिशत भाग में 15 दिसम्बर तक बिजाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी।
वैसे यह क्षेत्रफल गत वर्ष की समान अवधि से काफी पीछे है। अब सरकार का ध्यान आगामी महीनों के मौसम पर केंद्रित है क्योंकि पौधों में दाना लगने एवं पुष्ट होने के दौरना तापमान में थोड़ी बढ़ोत्तरी होने पर भी गेहूं की उपज दर प्रभावित हो सकती है।
हालांकि पिछले साल की तुलना में चालू रबी सीजन के दौरान गेहूं के उत्पादन क्षेत्र में 8 सितम्बर तक 1 प्रतिशत की गिरावट आई थी जो 15 दिसम्बर तक बढ़कर 3 प्रतिशत हो गई लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों को भरोसा है कि चालू माह (दिसम्बर) के अंत तक गेहूं क्षेत्रफल सुधरकर गत वर्ष के स्तर पर था उसके आसपास पहुंच सकता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल गेहूं का कुल उत्पादन क्षेत्र उछलकर 343.23 लाख हेक्टेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार गेहूं का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष के 293.01 लाख हेक्टेयर से 3 प्रतिशत घटकर इस बार 284.15 लाख हेक्टेयर रह गया है।
लगभग सभी प्रमुख उत्पादक प्रांतों में गेहूं का उत्पादन क्षेत्र गत वर्ष से पीछे चल रहा है। क्षेत्रफल में कहीं कम तो कहीं ज्यादा गिरावट आई है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सीएमडी का कहना है कि जहां तक बिहार और उत्तर प्रदेश का सवाल है तो ज्यादा चिंता करने की बात नहीं है क्योंकि वहां गेहूं का बिजाई क्षेत्र गत वर्ष के लगभग बराबर ही है।
खाद्य निगम ने 1 जनवरी 2024 से किसानों का रजिस्ट्रेशन आरंभ करने का निर्णय लिया है। किसानों से अगले साल जल्दी से जल्दी गेहूं की खरीद शुरू करने का प्रयास किया जाएगा और इसके लिए 1 अप्रैल की नियत तिथि का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
गेहूं खरीद की तैयारी पर विभिन्न राज्यों के साथ विचार-विमर्श करने हेतु अगले महीने वार्षिक बैठक बुलाई जा सकती है। सरकार को अगले रबी मार्केटिंग सीजन में विशाल मात्रा में गेहूं खरीदने की आवश्यकता पड़ेगी क्योंकि उसके पास कम स्टॉक बचेगा।