iGrain India - नई दिल्ली । स्वदेशी चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन- इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपनी नई रिपोर्ट में जो आंकड़ा दिया है उससे पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का उत्पादन गत वर्ष से पीछे चल रहा है। नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज ने भी इस्मा की भांति चीनी के उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान लगाया है।
इस्मा की रिपोर्ट के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान 15 दिसम्बर 2023 तक चीनी का घरेलू उत्पादन घटकर 74.05 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के उत्पादन 82.95 लाख टन से 8.90 लाख टन कम है।
रिपोर्ट के मुताबिक यद्यपि 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान चीनी का उत्पादन उत्तर प्रदेश में 20.26 लाख टन से बढ़कर 22.11 लाख टन,
गुजरात में 2.58 लाख टन से सुधरकर 2.72 लाख टन तथा तमिलनाडु में 1.68 लाख टन से सुधरकर 1.80 लाख टन पर पहुंचा मगर महाराष्ट्र में 33.02 लाख टन से लुढ़क कर 24.45 लाख टन,
कर्नाटक में 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन तथा देश के अन्य राज्यों में 6.21 लाख टन से गिरकर 6.02 लाख टन पर सिमट गया। इन राज्यों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं उत्तराखंड आदि शामिल है।
इस्मा की रिपोर्ट के मुताबिक चालू सीजन में 15 दिसम्बर तक राष्ट्रीय स्तर पर कुल 497 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग आरंभ हुई जो गत वर्ष की क्रियाशील इकाइयों के बराबर ही है।
समीक्षाधीन अवधि में क्रियाशील चीनी मिलों की संख्या उत्तर प्रदेश में 116 से बढ़कर 117 तथा तमिलनाडु में 17 से बढ़कर 19 हो गई मगर महाराष्ट्र में 193 से घटकर 191 रह गई।
इसके अलावा कर्नाटक में 73 तथा गुजरात में 16 इकाइयों क्रियाशील हुई। गत वर्ष भी इसकी संख्या इतनी ही थी। लेकिन देश के अन्य राज्यों में क्रियाशील चीनी मिलों की संख्या 82 से घटकर 81 रह गई।
महाराष्ट्र पिछले कुछ वर्षों से देश में चीनी का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य बना हुआ है मगर 2023-24 में वह उत्तर प्रदेश से पिछड़ कर दूसरे नम्बर पर आ सकता है। उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 110 लाख टन एवं महाराष्ट्र में 85 लाख टन होने का अनुमान लगाया जा रहा है।