iGrain India - मारगाओ । हालांकि कृषि विभाग द्वारा नियमित रूप से चलाए जा रहे अभियान के फलस्वरूप गोवा में मिलेट्स का बिजाई क्षेत्र दोगुना बढ़ गया है लेकिन किसानों को अनेक चुनौतियों एवं कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कृषि विभाग इन समस्याओं का अब तक निराकरण नहीं कर सका है।
कृषि विभाग के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पिछले अनेक दशकों से गेहूं तथा चावल के उत्पादन को सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने के कारण मिलेट्स की खेती पिछड़ती चली गई और इसलिए भोजन की थाली से यह गायब होने लगा।
अब केन्द्र और राज्य सरकार मिलेट्स के स्वास्थ्यवर्धक गुणों एवं फायदों के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सघन अभियान चल रही है जिससे इसकी खेती के प्रति किसानों में दोबारा आकर्षण पैदा होने लगा है।
मिलेट्स न केवल स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद है बल्कि इसके उत्पादन में लागत खर्च भी कम बैठता है। इसका नियमित सेवन शरीर को स्वस्थ रखता है और अनेक रोगों से इसे बचता है।
गोवा में कृषि विभाग ने मिलेट्स उत्पादकों को पर्याप्त सहयोग-समर्थन एवं प्रोत्साहन देने का वादा किया है मगर अभी तक इसका कोई संकेत नहीं मिला है।
सरकार ने कहा था कि वह किसानों से ऊंचे दाम पर मिलेट्स की खरीद करेगी और इसके सुरक्षित भंडार के लिए आवश्यक सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा मिलेट्स को सुपरफूड के तौर पर बढ़ावा दिया जाएगा।
जानकारों के अनुसार मिलेट्स संवर्ग की कई फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य नियत नहीं होता है जिससे किसानों को प्रोत्साहन नहीं मिल पता है।
अपना उत्पाद बेचने के लिए उसे बाजार का कभी कोई अध्ययन नहीं किया गया इसलिए किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करने से हिचक रहे हैं। अब केन्द्र सरकार इस दिशा में आवश्यक प्रयास कर रही है।