iGrain India - कीव । यूरोपीय तथा उत्तरी अफ्रीका के देश उम्मीद कर रहे है कि यूक्रेन से मक्का का निर्यात वर्ष 2024 में भी नियमित रूप से जारी रह सकता है लेकिन सामुद्रिक परिवहन की कठिनाइयों को देखते हुए ऐसा होना मुश्किल लगता है।
यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर रूस का आक्रमण जारी है और वह पहले ही आगाह कर चुका है कि काला सागर क्षेत्र से गुजरने वाले यूक्रेन के जहाजों को जब्त या नष्ट किया जा सकता है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार मौजूद स्थिति को देखते हुए वर्ष 2024 में यूक्रेन से भारी मात्रा में मक्का का निर्यात होने में संदेह हैं।
रूस-यूक्रेन के बीच का करार पहले ही भंग हो चुका है। इसके बाद यूक्रेन ने रेनी तथा एलमायल डेन्यूब नदी का नया मार्ग अपनाना शुरू कर दिया। यूरोप के लिए ट्रांजिट मार्ग भी खोला गया।
इसके अलावा यूक्रेन ने अगस्त में काला सागर के जरिए एक सामुद्रिक कोरीडोर का विकास भी किया। इस रास्ते से अब तक 50 लाख टन से अधिक कृषि उत्पादों का शिपमेंट हो चुका है।
यूक्रेन के किसानों को इस वर्ष भयंकर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा है क्योंकि एक तरफ ईंधन एवं उर्वरक का खर्च बहुत बढ़ गया तो दूसरी ओर देश से कृषि उत्पादों का निर्यात प्रदर्शन ढीला पड़ गया।
निर्यात संकट के कारण यूक्रेन में कृषि उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट आ गई जिससे किसानों को अपने उत्पादों का लाभप्रद मूल्य प्राप्त करना मुश्किल हो गया। हालांकि नए सामुद्रिक कोरीडोर के चालू होने के बाद किसानों की चिंता थोड़ी कम हुई है लेकिन आगे खतरा बना रहेगा।
डेन्यूब नदी मार्ग से होने वाले निर्यात के तहत इसका शिपमेंट करना संभव हो रहा है। इसमें खर्च भी कम बैठता है। निर्यातकों को यह रूट अच्छा लगने लगा है वे इसका उपयोग बढ़ाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
गहरे समुद्री मार्ग के मुकाबले डेन्यूब नदी मार्ग का खर्च काफी ऊंचा बैठ रहा है। अक्टूबर में वहां मक्का का निर्यात ऑफर मूल्य ओडेसा बंदरगाह पर 135 डॉलर प्रति टन चल रहा था जो दिसम्बर में उछलकर 158 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया।
समीक्षकों के अनुसार यूक्रेन से वर्ष 2024 में मक्का के निर्यात शिपमेंट में देर होने का सिलसिला जारी रहने की संभावना है क्योंकि वहां जिन बंदरगाहों से इसका शिपमेंट होना है वहां जगह की भारी कमी महसूस की जा रही है।
रूस द्वारा डेन्यूब नदी के समीपवर्ती यूक्रेनी बंदरगाहों पर नियमित रूप से हमले किए जा रहे हैं। अगले साल यूकेन में 270 लाख टन मक्का का उत्पादन होने का अनुमान है।