iGrain India - नई दिल्ली (भारती एग्री एप्प)। केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने कहा है कि सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से खाद्य महंगाई को नीचे लाने में सहायता मिल रही है और कुछ उत्पादों के दाम में तेजी पर अंकुश लगने के संकेत मिल रहे हैं।
खाद्य उत्पादों की खुदरा महंगाई को नियंत्रित करने हेतु हाल के महीनों में उनके नीतिगत उपाय किए गए हैं जिसका सार्थक परिणाम अब सामने आने लगा है। एक तरफ सरकार आम उपभोक्ताओं को उचित मूल्य आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है तो दूसरी ओर देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने पर भी जोर दे रही है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2023 को मनाने हेतु आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए खाद्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने आम लोगों को महंगाई के दबाव एवं प्रभाव से बचाने के लिए अनेक उपाय लागू किए हैं। समूची दुनिया इस समय भीषण महंगाई से जूझ रही है और खाद्य उत्पादों का दाम अधिकांश देशों में काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है।
खाद्य मंत्री के मुताबिक जब कभी देश में किसी खाद्य उत्पाद का दाम बढ़ना शुरू हुआ तभी सरकार ने उसे नियंत्रित करने का उपाय भी आरंभ कर दिया। सरकार ने उपभोक्ताओं को रियायती मूल्य पर प्याज, गेहूं का आटा एवं चना दाल उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है।
भारत ब्रांड नाम के तहत गेहूं का आटा 27.50 रुपए प्रति किलो तथा चना दाल 60 रुपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध है। सरकार ने 140 नए मूल्य निगरानी केन्द्र स्थापित किए हैं जिससे इन केन्द्रों की कुल संख्या बढ़कर 550 पर पहुंच गई है।
इससे खाद्य उत्पादों के खुदरा मूल्य में होने वाले बदलाव की जानकारी प्राप्त करने और उसके अनुरूप कदम उठाने में सहायता मिल रही है।
सरकार विदेशों से आवश्यक खाद्य उत्पादों और खासकर दलहनों तथा खाद्य तेलों का आयात बढ़ाने का भी प्रयास कर रही है ताकि घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति को सुगम बनाया जा सके।
इसी तरह टुकड़ी चावल, सफेद गैर बासमती चावल, गेहूं तथा इसके उत्पादों एवं चीनी आदि के निर्यात पर प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है।