iGrain India - जयपुर । वर्ष 2024 के दौरान धनिया का घरेलू बाजार भाव ऊंचा एवं तेज रहने की उम्मीद है क्योंकि एक तो बिजाई क्षेत्र में कमी आने से इसका उत्पादन घटने की संभावना है और दूसरे, इसकी निर्यात मांग मजबूत रहने के आसार हैं।
2023 में घरेलू उत्पादन बेहतर होने से धनिया का भाव नरम रहा जिससे किसानों ने इसके बिजाई क्षेत्र में अब कटौती कर दी। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक चालू वर्ष के दौरान एक तरफ जहां जीरा एवं हल्दी के वायदा मूल्य में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई वहीँ दूसरी ओर धनिया का वायदा भाव 10 प्रतिशत घट गया।
शीर्ष उत्पादक राज्यों में धनिया के बिजाई क्षेत्र में कमी आने के संकेत मिले हैं। गुजरात में इसका उत्पादन राज्यों में धनिया के बिजाई क्षेत्र में कमी आने के संकेत मिले हैं।
गुजरात में इसका उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के मुकाबले इस बार 47 प्रतिशत घटकर 1.15 लाख हेक्टेयर के करीब सिमट गया। इसी तरह राजस्थान में भी धनिया का क्षेत्रफल 11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48 हजार हेक्टेयर के आसपास रह गया।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक अल नीनो के खतरे को देखते हुए अगर जनवरी-फरवरी में मौसम की हालत प्रतिकूल हुई अथवा प्राकृतिक आपदाओं का प्रकोप रहा तो धनिया का उत्पादन और भी प्रभावित हो सकता है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 की तुलना में अप्रैल-अक्टूबर 2023 के सात महीनों में धनिया का निर्यात करीब चार गुणा बढ़कर 70,125 टन पर पहुंच गया जबकि हल्दी का निर्यात भी 3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,02,163 टन पर पहुंचा।
वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के अंत तक देश से धनिया का कुल निर्यात बढ़कर 32-35 लाख बोरी (40 किलो की प्रत्येक बोरी) पर पहुंच जाने का अनुमान है जबकि आमतौर पर इसका निर्यात 12-15 लाख बोरी के आसपास ही रहता है।
दुनिया के अनेक देश भारत से धनिया का बड़े पैमाने पर आयात करते हैं क्योंकि इसकी क्वालिटी अच्छी और कीमत प्रतिस्पर्धी होती है।