iGrain India - नई दिल्ली । चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान धान चावल की सरकारी खरीद की गति गत वर्ष से काफी धीमी चल रही है। सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाता है और फिर 67 प्रतिशत की रिकवरी के आधार पर चावल का आंकलन किया जाता है। धान की खरीद कुछ राज्यों में अभी जारी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के शुरूआती तीन महीनों में यानी अक्टूबर-दिसम्बर 2023 के दौरान भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) तथा उसकी सहयोगी प्रांतीय एजेंसियों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर कुल मिलाकर 299.33 लाख टन चावल (इसके समतुल्य धान) की खरीद की गई जो पिछले सीजन की समान अवधि की खरीद 347.87 लाख टन से 14 प्रतिशत कम है।
2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 सीजन के दौरान चावल की खरीद पंजाब में 121.91 लाख टन से बढ़कर 124.08 लाख टन, पर पहुंच गई लेकिन अन्य राज्यों में घट गई।
इसके तहत चावल की खरीद छत्तीसगढ़ में 51.61 लाख टन से लुढ़ककर 38.59 लाख टन, हरियाणा में 39.51 लाख टन से फिसलकर 39.42 लाख टन, तेलंगाना में 37.40 लाख टन से घटकर 27.11 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 27.07 लाख टन से गिरकर 23.05 लाख टन तथा मध्य प्रदेश में 20.48 लाख टन से घटकर 11.60 लाख टन पर सिमट गई।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने खरीफ कालीन चावल का उत्पादन गत वर्ष के 1105.10 लाख टन से 4 प्रतिशत घटकर इस बार 1063.10 लाख टन रह जाने का अनुमान लगाया है।
इधर भारतीय खाद्य निगम ने छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव को चावल की खरीद में कमी आने का कारण बताते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि आगे इसकी भरपाई हो जाएगी।
लेकिन पिछले पखवाड़े तेलंगाना में खरीद का अंतर और भी बढ़ गया जबकि छत्तीसगढ़ में इसमें मामूली भरपाई हो सकी। उड़ीसा में अब भी चावल की खरीद गत वर्ष से 26 प्रतिशत तथा आंध्र प्रदेश में 56 प्रतिशत पीछे चल रही है।
खाद्य मंत्रालय ने चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन की पूरी अवधि में 521.27 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है लेकिन वर्तमान आंकड़ों एवं आगामी परिदृश्य को देखते हुए वास्तविक खरीद इस नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह जाने की संभावना है।