iGrain India - रायपुर । केन्द्रीय पूल में चावल का योगदान देने वाले एक अग्रणी राज्य- छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 29 दिसम्बर 2023 तक 13.34 लाख से कुछ अधिक किसानों से 14,033 करोड़ रुपए मूल्य के 63.22 लाख टन धान की सरकारी खरीद की गई। राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीद की प्रक्रिया 31 जनवरी 2024 तक जारी रहेगी। किसानों के धान के मूल्य का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जा रहा है।
एक तरफ धान की खरीद जारी है तो दूसरी ओर कस्टम मिलिंग के लिए इसका उठाव थी अनवरत हो रहा है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिसम्बर 2023 के अंत तक कस्टम मिलिंग के लिए करीब 51.25 लाख टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया जिसमें से मिलर्स द्वारा लगभग 38.58 लाख टन का उठाव किया जा चुका है और शेष धान के उठाव के लिए प्रयास जारी है।
छत्तीसगढ़ के खाद्य सचिव ने राइस मिलर्स को धान का उठाव तेजी से करने तक कस्टम मिलिंग का चावल नियमित रूप से जमा करवाने का निर्देश दिया है।
फिलहाल यह कस्टम मिल्ड चावल (सीएमआर) की खेप नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा स्वीकार किया जा रहा है जिसे बाद में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के हस्तांतरित कर दिया जाएगा।
भारतीय खाद्य निगम के 1 जवनरी 2024 से केन्द्रीय पूल के लिए चावल का स्टॉक स्वीकार करना आरंभ कर दिया है। आगामी समय में उसके गोदमों पर चावल की आपूर्ति बढ़ने लगेगी।
सरकार ने राइस मिलर्स को पिछले खरीफ सीजन के कस्टम मिल चावल का शेष स्टॉक भी जल्दी से जल्दी जमा करवाने के लिए कहा गया है। पिछले सीजन के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीद काफी पीछे चल रही है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-दिसम्बर 2022 के दौरान 51.61 लाख टन चावल के समतुल्य धान खरीदा गया था जो अक्टूबर-दिसम्बर 2023 के दौरान 25.2 प्रतिशत घटकर 38.59 लाख टन पर सिमट गया। वहां धान की खरीद की गति धीमी पड़ती जा रही है।