iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के रबी सीजन हेतु 1140 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का लक्ष्य नियत किया है और उसे यह लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है।
केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय को कृषि मंत्रालय की उम्मीद पर पक्का भरोसा है और वह बफर स्टॉक से विशाल मात्रा में इसकी निकासी कर रही है।
इसके फलस्वरूप बफर स्टॉक गेहूं की मात्रा लगातार तेजी से घटती जा रही है। मोटे अनुमान के अनुसार 1 अप्रैल 2024 तक केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर पिछले 16 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर सिमट जाएगा लेकिन फिर भी बफर के लिए न्यूनतम आवश्यक मात्रा के आसपास रह सकता है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सीएमडी का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर गेहूं का कुल बिजाई क्षेत्र चालू रबी सीजन में बढ़ने के आसार हैं और यदि मौसम की हालत अनुकूल रही तो इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का उत्पादन उछलकर 1140 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। कृषि मंत्रालय ने इसका संकेत दिया है।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने यद्यपि 2022-23 सीजन के दौरान 1105.50 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया लेकिन इसकी सरकारी खरीद केवल 262 लाख टन तक पहुंच सकी जो नियत लक्ष्य से काफी कम थी।
इसी तरह 2021-22 सीजन में भी कृषि मंत्रालय ने 1077.40 लाख टन गेहूं के उत्पादन का अनुमान लगाया था लेकिन इसकी सरकारी खरीद 187.90 लाख टन पर ही अटक गई थी।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र ने इन दोनों सीजन के दौरान गेहूं का वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से काफी कम रहने की संभावना व्यक्त की थी।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अब 55 लाख टन से अधिक गेहूं की बिक्री की जा चुकी है जबकि फरवरी के अंत तक 25 लाख टन अतिरिक्त गेहूं बेचा जा सकता है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना एवं अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों के तहत भी गेहूं की भरपूर आपूर्ति की जा रही है। खुले बाजार बिक्री योजना को छोड़कर अन्य कल्याणकारी स्कीम में आपूर्ति के लिए सालाना 185-190 लाख टन गेहूं की आवश्यकता पड़ती है।