iGrain India - नई दिल्ली । एथनॉल निर्माण में मक्का की बढ़ती मांग से इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज का भाव तेजी से बढ़ता जा रहा है। अक्टूबर की तुलना में अब तक इसके दाम में करीब 20 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है जबकि बाजार अभी शांत नहीं हुआ है।
सरकार एथनॉल निर्माण के लिए मक्का खरीदने की योजना बना रही है क्योंकि इसमें चीनी के उपयोग को काफी सीमित कर दिया गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार पिछले दो सप्ताह के दौरान मक्का का भाव बिहार की गुलाब बाग मंडी में बढ़कर 2366 रुपए प्रति क्विंटल तथा गुजरात के अहमदाबाद में फीड ग्रेड मक्का का दाम बढ़कर 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया।
बेगुसराय (बिहार) के एक व्यापारी का कहना है कि सीमित आपूर्ति एवं तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए आगामी समय में मक्का के दाम में तेजी मजबूती का माहौल बरकरार रहेगा। आने वाले महीनों में मक्का का अभाव भी महसूस हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि गन्ना की कमजोर पैदावार के कारण सरकार इस बार एथनॉल के निर्माण में मक्का का उपयोग बढ़ाने पर जोर दे रही है।
2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में चीनी के घरेलू उत्पादन में गिरावट की आशंका को देखते हुए सरकार ने चीनी मिलों को एथनॉल निर्माण के लिए गन्ना जूस एवं शुगर सीरप का इस्तेमाल सीमित रखने के लिए कहा है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने तीसरे अग्रिम अनुमान में 2022-23 सीजन के दौरान 359.10 लाख टन मक्का के घरेलू उत्पादन की संभावना व्यक्त की थी।
व्यापार विश्लेषकों का मानना है कि एथनॉल निर्माण के लिए डिस्टीलरीज द्वारा भारी मात्रा में मक्का का इस्तेमाल शुरू किए जाने पर इसकी जोरदार मांग निकलेगी और इसे पूरा करने के लिए स्टॉक कम पड़ जाएगा।
इस बार खरीफ सीजन में देश के कुछ भागों में शुष्क एवं गर्म मौसम के कारण मक्का के उत्पादन में 25-30 प्रतिशत की गिरावट आ गई।
हालांकि रबी सीजन में मक्का का क्षेत्रफल गत वर्ष के 19.71 लाख हेक्टेयर से 4 प्रतिशत बढ़कर 20.51 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है लेकिन इसके कुल उत्पादन पर अनिश्चितता बनी हुई है क्योंकि कई इलाकों में लम्बे समय से वर्षा नहीं हुई है।
रबी सीजन में मक्का का उत्पादन मुख्यत: बिहार, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश एवं महाराष्ट्र जैसे राज्यों में होता है। अगले पांच वर्षों में मक्का का घरेलू उत्पादन मौजूदा समय की तुलना में 100 लाख टन बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।