iGrain India - राजकोट । गुजरात के कृषि विभाग ने 2023-24 सीजन के लिए अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है उससे पता चलता है कि 2022-23 सीजन के मुकाबले जीरा, सौंफ तथा ईसबगोल के उत्पादन में तो जबरदस्त बढ़ोत्तरी होगी मगर धनिया की पैदावार में भारी गिरावट आएगी।
इसका प्रमुख कारण बिजाई क्षेत्र में प्रवर्तन होना माना जा रहा है। कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में 2022-23 सीजन के दौरान धनिया का उत्पादन उछलकर 3.23 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंचा था जो 2023-24 के मौजूदा सीजन में 1.18 लाख टन की भारी गिरावट के साथ 2.05 लाख टन पर सिमट जाने का अनुमान है।
दूसरी ओर इसी अवधि में जीरा का उत्पादन 2.14 लाख टन से करीब दोगुना उछलकर 4.08 लाख टन, ईसबगोल का उत्पादन 5 हजार टन से तीन गुणा बढ़कर 15 हजार टन तथा सौंफ का उत्पादन 84 हजार टन के दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 2.22 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंच जाने की उम्मीद है।
मालूम हो कि गुजरात जीरा एवं सौंफ का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। इसके अलावा वहां 1.01 लाख टन लहसुन के उत्पादन का भी अनुमान लगाया गया है।
गुजरात में उपरोक्त सभी मसालों का उत्पादन रबी सीजन में होता है। इसकी बिजाई प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और अब फसल प्रगति के विभिन्न चरण से गुजर रही है।
नई फसल की आवक फरवरी के अंत या मार्च के आरंभ से शुरू होने की संभावना है। बेहतर उत्पादन के लिए तब तक मौसम का अनुकूल रहना आवश्यक है।
कृषि विभाग के अनुसार चालू रबी सीजन के दौरान गुजरात में जीरा का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 5.47 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया मगर धनिया का बिजाई क्षेत्र घटकर 1.18 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया।
इसके अलावा 22 हजार हेक्टेयर में ईसबगोल 65 हजार हेक्टेयर में प्याज, 15 हजार हेक्टेयर से कुछ अधिक क्षेत्र में लहसुन तथा 1.26 लाख हेक्टेयर में सौंफ की खेती हुई। जीरा तथा सौंफ की खेती से किसानों को वर्ष 2023 में आकर्षक आमदनी प्राप्त हुई थी।