iGrain India - रेगिना । पिछले सप्ताह कनाडा के सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य- सस्कैचवान की राजधानी सस्काटून में क्रॉप प्रोडक्शन शो का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न फसलों के उत्पादन के परिदृश्य पर विचार किया गया।
इसमें काबुली चना का प्रसंग भी शमिल था। पश्चिमी कनाडा के परिदृश्य पर विचार किया गया। इसमें काबुली चना का प्रसंग भी शामिल था।
पश्चिमी कनाडा के प्रेयरी संभाग में उत्पादित होने वाले इस दलहन के प्रति उत्पादकों में कोई विशेष उत्साह नहीं देखा गया। इसका कारण यह है कि वहां काबुली चना का दाम नम्बर 2 क्वालिटी के लिए महज 51-52 सेंट प्रति पौंड पर स्थिर बना हुआ है जबकि मोटी हरी मसूर का भाव उछलकर 74-75 सेंट प्रति पौंड के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल-मई में इसकी बिजाई शुरू होने वाली है मगर किसानों में इसकी खेती के प्रति कोई खास उत्साह नहीं देखा जा रहा है।
खरीदार काबुली चना की सीमित खरीद कर रहे हैं और बुकिंग (अनुबंध) से पूर्व क्वालिटी की अच्छी तरह जांच-पड़ताल करते करते हैं। मोटे दाने वाले माल की खरीद में कुछ दिलचस्पी देखी जा रही है जबकि कुल मिलाकर मांग में ठहराव आ गया है।
अगली नई फसल का अग्रिम अनुबंध मूल्य 45 सेंट प्रति पौंड के आसपास बताया जा रहा है। समझा जाता है कि चालू वर्ष के दौरान कनाडा में काबुली चना के बिजाई क्षेत्र में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा क्योंकि उत्पादकों के लिए इसका दाम आकर्षक नहीं रहा है।
वैसे भी वहां काफी सीमित क्षेत्रफल में इसकी खेती होती है और उत्पादन भी कम होता है। फीड एवं सैम्पल ग्रेड के काबुली चना का दाम 36 सेंट प्रति पौंड पर स्थिर बना हुआ था।
भारत में अगले महीने से चना की अगैती बिजाई वाली फसल की छिटपुट आवक शुरू होने वाली है जबकि मार्च से इसकी रफ्तार बढ़ जाएगी। हालांकि कुल मिलाकर चना के बिजाई क्षेत्र में 7-8 लाख हेक्टेयर की गिरावट आने से सकल उत्पादन कुछ घट सकता है।
मगर काबुली चना के बारे में स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाई है। कृषि मंत्रालय भी देसी चना और काबुली चना के क्षेत्रफल का आंकड़ा अलग-अलग जारी नहीं करता है। लेकिन ऊंचे बाजार भाव के कारण किसानों द्वारा इस बार काबुली चना की खेती में अच्छी दिलचस्पी दिखाने के संकेत मिले है।