iGrain India - बैंकॉक । थाईलैंड की राजधानी- बैंकॉक में आयोजित साउथ एशिया एग्री सम्मिट 2024 को सम्बोधित करते हुए भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नैफेड) के एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर (एएमडी) श्री एस के सिंह न कहा कि 2022-23 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान एजेंसी द्वारा किसानों से 13 लाख टन सरसों की खरीद की गई और अब भी इसके पास इस तिलहन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है।
2023-24 के सीजन में यदि थोक मंडी भाव घटता है तो आवश्यकता पड़ने पर नैफेड द्वारा 25 लाख टन तक सरसों की खरीद की जा सकती है। नैफेड किसानों के साथ-साथ उद्यमियों एवं व्यापारियों के हित में भी काम कर रहा है ताकि उसके बीच व्यापक संतुलन बना रहे।
एएमडी ने दलहन के बारे में भी जानकारी देते हुए कहा कि उद्यमियों एवं व्यापारियों को नैफेड को प्रतिद्वंदी नहीं बल्कि सहायक समझना चाहिए। दलहनों का बफर स्टॉक आज घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने में सहायता कर रहा है।
नैफेड हमेशा दलहन-तिलहन उत्पादकों को उसकी उपज का लाभप्रद मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। दलहनों की आयात नीति में किया गया परिवर्तन आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक था।
मसूर के आयात में भारी बढ़ोत्तरी हुई जिससे देश में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम हो सकी। जब भी इसका भाव कमजोर पड़ता है तब नैफेड इसकी खरीद करके बाजार को संभालने का प्रयास करता है।
एस के सिंह ने कहा कि चालू रबी सीजन के दौरान भारत में मसूर का क्षेत्रफल बढ़ा है और फसल की हालत भी अच्छी है जिससे उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद है।
बेहतर उत्पादन एवं ऊंचे आयात से अगले दो वर्ष तक मसूर की उपलब्धता संतोषजनक रहेगी। उनका कहना था कि आगामी महीनों के दौरान यदि दलहन-तिलहन का भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आता है तो नैफेड बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए तैयार रहेगा।
तुवर की खरीद के लिए ऑन लाइन पोर्टल क्रियाशील हो चुका है और किसानों का रजिस्ट्रेशन चल रहा है। उससे तुवर की खरीद भी आरंभ हो गई है। तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7000 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है जबकि किसानों को 9000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊंचा भाव मिल रहा है।
कार्यक्रम में शामिल दलहन-तिलहन एवं खाद्य तेल के सभी पैनलिस्ट ने एस के सिंह तथा नैफेड की प्रशंसा करते हुए कहा कि यदि एजेंसी के पास स्टॉक नहीं होता तो देश में दलहनों की आपूर्ति की स्थिति काफी खराब हो जाती है। नैफेड एक देवदूत बनकर बाजार में आया।