iGrain India - मुम्बई । दुनिया के सबसे अग्रणी सूरजमुखी तेल आयातक देश- भारत में परम्परागत रूप से इस महत्वपूर्ण सॉफ्ट खाद्य तेल का आयात काला सागर क्षेत्र के देशों से लाल सागर के रास्ते होता रहा है लेकिन अब लाल सागर के जलमार्ग पर यमन के हूती लुटेरों का आतंक पैदा होने से शिपिंग कंपनियों को यूरोप एवं एशिया के बीच कारोबार के लिए अपना रास्ता बदलने के लिए विवश होना पड़ रहा है।
जहाजों को अफ्रीका के दक्षिणी भाग से आना-जाना पड़ रहा है जिससे परिवहन खर्च एवं समय ज्यादा लगता है।
इस संकट के कारण भारत में आगामी महीनों के दौरान सूरजमुखी तेल का आयात घटने तथा भाव ऊंचा होने की संभावना है।
सूरजमुखी तेल के आयातक ऐसे प्रतिद्वंदी खाद्य तेलों आयात पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं जो अपेक्षाकृत सस्ते दाम पर उपलब्ध है। इसमें पाम तेल मुख्य रूप से शामिल है।
सामुद्रिक परिवहन खर्च में इजाफा होने से पिछले करीब एक साल में पहली बार भारत में सूरजमुखी तेल का आयात खर्च बढ़कर सोयाबीन तेल से ऊपर पहुंच गया है।
एक अग्रणी उद्योग विश्लेषक के अनुसार प्रतिस्पर्धी मूल्य के कारण पिछले कुछ महीनों से देश में सूरजमुखी तेल का आयात बढ़ता रहा है लेकिन अब किराया भाड़ा बढ़ने के कारण इसकी प्रतिस्पर्धी क्षमता समाप्त हो गई है। इसके फलस्वरूप भारत में सोयाबीन तेल एवं पाम तेल के आयात को प्रोत्साहन मिल सकता है।
वर्तमान समय में फरवरी डिलीवरी के लिए भारत में क्रूड सूरजमुखी तेल के आयात का ऑफर मूल्य सभी खर्चों के साथ करीब 943 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है जबकि क्रूड सोया तेल का ऑफर मूल्य 935 डॉलर एवं क्रूड पाम तेल का 933 डॉलर प्रति टन चल रहा है।
दो माह पूर्व सोयाबीन तेल के मुकाबले सुजरमुखी तेल का ऑफर मूल्य 120 डॉलर प्रति टन नीचे चल रहा था जिससे भारत में इसका आयात तेजी से बढ़ रहा था। दिसम्बर में आयात उछलकर 2.61 लाख टन के करीब पहुंच गया।