iGrain India - नई दिल्ली । खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं बाजार पर गहरी नजर रखे हुए हैं। गेहूं के स्टॉक पोजीशन की नियमित निगरानी हो रही है और इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
विभाग के मुताबिक अखिल भारतीय स्तर पर गेहूं के औसत थोक एवं खुदरा मूल्य में पिछले एक महीने से नरमी का रुख देखा जा रहा है। पिछले एक सप्ताह के दौरान गेहूं के आटे का दाम भी कुछ नीचे आया है।
घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून 2023 से ही इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की बिक्री के लिए प्रत्येक सप्ताह ई-नीलामी आयोजित कर रही है।
इसके लिए केन्द्रीय पूल से 101.50 लाख टन गेहूं आवंटित किया गया है जिसमें से अब तक 75.26 लाख टन की बिक्री हो चुकी है। गेहूं का रिजर्व मूल्य एफएक्यू श्रेणी के लिए 2150 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस संवर्ग के लिए 2125 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
खाद्य विभाग के मुताबिक ओएमएसएस के तहत पहले 2 लाख टन गेहूं की बिक्री का साप्ताहिक ऑफर दिया जा रहा था जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर अब 4.50 लाख टन निर्धारित किया गया है।
31 जनवरी 2024 तक इस योजना के तहत 75.26 लाख टन गेहूं की बिक्री हो गई। अब सरकार ने गेहूं की साप्ताहिक बिक्री का ऑफर बढ़ाकर 5 लाख टन नियत करने का निर्णय लिया है और साथ ही साथ प्रत्येक खरीदार को 400 टन तक की खरीद की अनुमति देने का फैसला किया है।
सरकारी गोदामों में गेहूं का स्टॉक न्यूनतम बफर आवश्यक मात्रा से ज्यादा है इसलिए सरकार को ओएमएसएस के तहत इसकी बिक्री जारी रखने में कोई कठिनाई नहीं होगी। कुछ राज्यों में अगले महीने से तथा शेष उत्पादक प्रांतों में अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ होने वाली है।
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। गेहूं के बिजाई क्षेत्र में भी अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है।