iGrain India - नई दिल्ली। खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत भारी मात्रा में गेहूं की बिक्री हो रही है और इस बार बिजाई क्षेत्र बढ़ने से बेहतर उत्पादन का अनुमान भी लगाया जा रहा है। अगले महीने से कुछ क्षेत्रों में नए गेहूं की आवक शुरू होने वाली है। इसके फलस्वरूप थोक मंडियों में 27 जनवरी- 2 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान आमतौर पर गेहूं का भाव नरम पड़ गया।
दिल्ली
दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का दाम 50 रुपए गिरकर 2600/2660 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। हालांकि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान गेहूं के थोक बाजार मूल्य में गुजरात के राजकोट में 200 रुपए प्रति क्विंटल तथा मध्य प्रदेश के इंदौर में 145 रुपए और देवास में 100 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा दर्ज किया गया लेकिन उज्जैन, हरदा एवं इटारसी में इसका दाम 50 से 150 रुपए प्रति क्विंटल तक घट गया।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं के दाम में मिश्रित रुख देखा गया। वहां कोटा मंडी में गेहूं का भाव 51 रुपए सुधरकर 2375/2650 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा मगर बारां मंडी में 150 रुपए बढ़कर 2200/2550 रुपए प्रति क्विंटल तथा बूंदी मंडी में 100 रुपए घटकर 2300/2450 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में भी गेहूं का भाव नरम या स्थिर रहा। वहां इसका दाम गोंडा में 90 रुपए प्रति क्विंटल तथा मैनपुरी एवं एटा मंडी में 20-20 रुपए प्रति क्विंटल कमजोर रहा। महाराष्ट्र की जालना मंडी में भी गेहूं का भाव 200 रुपए लुढ़ककर 2300/2900 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
गेहूं कोटा
सरकार ने ओएमएसएस के तहत गेहूं की साप्ताहिक बिक्री का कोटा बढ़ाकर 4.50 लाख टन नियत कर दिया है और प्रत्येक खरीदार को 400 टन तक की खरीद के लिए बोली लगाने की अनुमति प्रदान की है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है जो 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए ज्यादा है। सरकार का इरादा गेहूं का दाम घटाकर समर्थन मूल्य से नीचे लाने का है ताकि केन्द्रीय पूल के लिए उसे इसकी अधिक से अधिक खरीद करने का अवसर मिल सके। गेहूं का रकबा तो बढ़ा है मगर इसके उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने में संदेह है। कुछ इलाकों में अब बारिश होने से फसल को राहत मिली है मगर कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई है।