iGrain India - नई दिल्ली । विगत एक सप्ताह के दौरान मगज-तरबूज की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। जानकर सूत्रों का कहना है कि मगज-तरबूज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार जल्द ही मगज-तरबूज का आयात खोलने की योजना बना रही है।
आयात खुलने की चर्चा से मगज-तरबूज का उठाव कम रह गया है जबकि स्टॉकिस्टों की बिकवाली बढ़ गई है। जिस कारण से भाव दिन-प्रतिदिन घट रहे हैं।
एक सप्ताह पूर्व जोधपुर मंडी में 7 स्टार सूडान का भाव 715 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा था जो आज घटकर 650 रुपए पर आ गया है। 5 स्टार देसी का भाव एक सप्ताह पूर्व 690 रुपए चल रहा था जोकि आज 600 रुपए बोला जा रहा है। दिल्ली बाजार में मगज-तरबूज सूडान का भाव 645 रुपए पर आ गया है जोकि एक सप्ताह पूर्व 745 रुपए चल रहा था।
प्रतिकूल मौसम के चलते इस वर्ष प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान में मगज-तरबूज का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। आमतौर पर देश में मगज तरबूज का उत्पादन 70/75 हजार टन का होता है लेकिन इस वर्ष उत्पादन 25/30 हजार टन का ही रहा।
जिस कारण से चालू सीजन के दौरान मगज-तरबूज की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई थी और नवम्बर अंत में जोधपुर मंडी में सूडान का भाव 821 रुपए बन गया था। जबकि दिल्ली बाजार में भाव 845 रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर बोला जाने लगा था।
हालांकि कमजोर पैदावार को देखते हुए 8 जून 2023 को डीजीएफटी द्वारा 35 हजार टन मगज-तरबूज का आयात 31 अक्टूबर 2023 तक खोला गया था। आयातित माल भी भारतीय बाजारों में आ चुका है।
मगर इसके बावजूद मगज-तरबूज की कीमतें गत वर्ष की तुलना में अधिक चल रही हैं। गत वर्ष फरवरी 2023 के दौरान जोधपुर मंडी में भाव 355/365 रुपए चल रहा था जबकि दिल्ली बाजार में भाव 380 रुपए था।
हाल ही में एग्री कॉमर्स एंड ट्रेड एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि मगज-तरबूज का आयात जल्द खोला जाए। सूत्रों का कहना है कि सरकार जल्द ही आयात खुलने का नोटिफिकेशन जारी करने वाली है ताकि बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगा सके।
हालांकि वर्तमान में आयात खोला जाना किसान हित में नहीं है क्योंकि भाव कम होने के पश्चात किसान मगज तरबूज की बिजाई कम करेगा। मगज-तरबूज की बिजाई जून-जुलाई माह में होती है।