iGrain India - नई दिल्ली। रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं का रकबा बढ़कर 341.57 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंचने तथा चालू माह के आरंभ में हुई वर्षा से फसल को फायदा होने के कारण उत्पादन में सुधार आने के आसार बढ़ गए हैं। इससे थोक मंडी भाव पर दबाव बढ़ रहा है। इधर सरकार ने भी खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की साप्ताहिक नीलामी की मात्रा बढ़ाकर 5 लाख टन कर दिया है जिससे मिलर्स-प्रोसेसर्स को अधिक मात्रा में गेहूं मिलने लगा है और थोक मंडी से खरीद पर इसकी निर्भरता कम हो गई है।
दिल्ली
3 से 9 फरवरी 2024 वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का दाम 50 रुपए गिरकर 2550/2650 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया जबकि गुजरात में पिछले स्तर पर ही स्थिर बना रहा। मध्य प्रदेश में गेहूं का भाव डबरा एवं हरदा में 100-100 रुपए, खंडवा में 150 रुपए प्रति क्विंटल घट गया मगर इटारसी में 100 रुपए तथा उज्जैन में 75 रुपए तेज रहा।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं का दाम 50 रुपए गिरकर 2300/2500 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया लेकिन बारां एवं बूंदी मंडी में इसके दाम में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में गेहूं के दाम में काफी गिरावट दर्ज की गई। वहां इसका भाव शाहजहांपुर में 109 रुपए प्रति क्विंटल, हरदोई में 120 रुपए, सीतापुर में 124 रुपए, गोरखपुर में 25 रुपए तथा गोंडा में 30 रुपए प्रति क्विंटल घट गया। एटा मंडी में भी दाम 55 रुपए नरम रहा लेकिन मैनपुरी मंडी में भाव 60 रुपए सुधरकर 2411 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। महाराष्ट्र की जलने मंडी में भाव स्थिर रहा।
उत्पादन
केन्द्र सरकार ने चालू रबी सीजन के लिए 1140 लाख टन गेहूं के घरेलू उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। बिजाई क्षेत्र एवं अब तक के मौसम को देखते हुए सरकार को यह लक्ष्य प्राप्त हो जाने का भरोसा है लेकिन वास्तविक उत्पादन फरवरी-मार्च के मौसम पर निर्भर करेगा। सरकार ने गेहूं पर भंडारण सीमा में भी भारी कटौती कर दी है। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाना तथा कीमतों को नीचे लाना है। फिलहाल 31 मार्च 2024 तक के लिए भंडारण सीमा का उद्देश्य लागू है लेकिन यदि थोक मंडी भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य के आसपास या उससे नीचे नहीं आया तो सरकार आगे भी सख्त कदम उठा सकती है। गेहूं का न्यूनतम समर्थन ुल्य इस बार 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि थोक मंडी भाव इससे ऊपर चल रहा है।