iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा देश के जिन 713 जिलों से मौसम संबंधी सूचना एवं आंकड़ा एकत्रित किया जाता है उसमें से अधिकांश जिलों में बारिश का अभाव बना हुआ है।
आईएमडी के अनुसार पिछले डेढ़ माह में यानी 1 जनवरी से 14 फरवरी 2024 के दौरान 26 प्रतिशत जिलों में वर्षा का भारी अभाव रहा और 24 प्रतिशत जिलों में बारिश सामान्य से कम हुई जबकि 18 प्रतिशत जिले ऐसे हैं जहां इस अवधि के दौरान बारिश बिल्कुल नहीं हुई।
मौसम विभाग के मुताबिक 12 प्रतिशत जिलों में इस वर्ष अब तक सामान्य वर्षा हुई है और 13 प्रतिशत जिलों में सामान्य से कुछ अधिक बारिश दर्ज की गई। केवल 7 प्रतिशत जिले ऐसे हैं जहां अधिशेष बारिश हुई है।
इस तरह सामान्य या इससे अधिक वर्षा वाले जिलों की संख्या केवल 32 प्रतिशत रही। उल्लेखनीय है कि जिन क्षेत्रों में 'सामान्य' श्रेणी में, 20 प्रतिशत से 59 प्रतिशत तक ज्यादा वर्षा वाले जिलों को 'अधिक' श्रेणी में तथा 60 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा वाले जिलों को 'अत्यधिक' श्रेणी में आंका जाता है।
1 जनवरी से 14 फरवरी 2024 के दौरान देश के करीब 100 जिलों में बारिश नहीं हुई जिससे वहां रबी फसलों को नुकसान होने की आशंका है। इसी तरह जिन इलाकों में वर्षा सामान्य से कम या बहुत कम हुई वहां भी फसलें प्रभावित हो सकती हैं।
गनीमत यह रही कि जनवरी के अंत तथा फरवरी के आरंभ में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण पश्चिमोत्तर क्षेत्र के कई भागों में अच्छी बारिश हो गई जिससे वहां गेहूं सहित अन्य रबी फसलों की हालत सुधर गई।
इसके अलावा जनवरी का मौसम ठंडा रहा और तापमान नीचे रहने से उत्तरी भारत में खेतों की मिटटी में नमी सूखने की गति धीमी पड़ गई। लेकिन अब तापमान बढ़ने लगा है इसलिए कई क्षेत्रों में रबी फसलों की सिंचाई के लिए बारिश की आवश्यकता महसूस की जा रही है।