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मार्च के अन्त तक पीली मटर का आयात 10 लाख टन के करीब पहुंचने का अनुमान

प्रकाशित 16/02/2024, 10:53 pm
मार्च के अन्त तक पीली मटर का आयात 10 लाख टन के करीब पहुंचने का अनुमान

iGrain India - मुम्बई । ऐसा लगता है कि कुछ प्रमुख आयातकों को पहले ही आभास हो गया था कि सरकार पीली मटर के आयात को शुल्क मुक्त एवं नियंत्रण मुक्त करने वाली है इसलिए उन्होंने कनाडा तथा रूस जैसे देशों से इसके विशाल आयात का अनुबंध कर लिया था।

यही कारण है कि 6 दिसम्बर 2023 को जब सरकार ने पीली मटर का आयात उदार बनाने का ऐलान किया तब इसका शिपमेंट जल्दी ही आरंभ हो गया। इसके बाद आयात की गति लगातार बढ़ती जा रही है। सरकार ने 31 मार्च 2024 तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की स्वीकृति दी है।

व्यापार विश्लेषकों के अनुसार इस समय सीमा के अंदर देश में पीली मटर का आयात 10 लाख टन के आसपास पहुंच सकता है। इससे देश में चना के उत्पादन में आने वाली गिरावट की भरपाई होने की उम्म्मीद है।

पिछले साल के मुकाबले इस बार चना के बिजाई क्षेत्र में गिरावट आई है और कर्नाटक जैसे राज्यों में मौसम की हालत भी फसल के लिए अनुकूल नहीं रही है। 

इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) द्वारा रबी फसलों के परिदृश्य पर आयोजित वेबीनार में एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के प्रबंध निदेशक ने कहा था कि 2023-24 सीजन के दौरान भारत में चना का उत्पादन 2022-23 सीजन के मुकाबले करीब 15 प्रतिशत घटकर 104.30 लाख टन पर सिमट सकता है।

चना का बिजाई क्षेत्र करीब 8 प्रतिशत घटा है जबकि इसकी उपज दर भी 7-8 प्रतिशत घटने की संभावना है। सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य- मध्य प्रदेश में फसल की हालत अच्छी है और उपज दर 5-6 प्रतिशत ऊंची रहने की उम्मीद है लेकिन कर्नाटक में यह 15-20 प्रतिशत घट सकती है। 

2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए देश में चना का पिछला बकाया स्टॉक 15 लाख टन के करीब रहने का अनुमान है जिसमें से 10 लाख टन के करीब पहुंच सकता है। 

एक अन्य विश्लेषक के मुताबिक घरेलू प्रभाग में हरी मटर के उत्पादन का परिदृश्य बेहतर नजर आया है। शीर्ष उत्पादक प्रांतों- उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में फसल की हालत अच्छी है और बिजाई भी 3-4 प्रतिशत बड़ी है।

फसल की उपज दर में 3 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है जिससे मटर का कुल घरेलू उत्पादन बढ़कर 13-14 लाख टन के आसपास पहुंचने का अनुमान है। 

उपभोक्ता मामले सचिव के अनुसार चना की उपलब्धता के प्रति कोई चिंता नहीं है क्योंकि इसका बिजाई क्षेत्र पंचवर्षीय औसत क्षेत्रफल 105 लाख हेक्टेयर के लगभग बराबर रहा है। भारत में पीली मटर का आयात रूस एवं कनाडा के साथ-साथ कुछ अन्य देशों से भी किया जा रहा है।

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