iGrain India - नई दिल्ली। केन्द्र सरकार गेहूं की कीमतों को नीचे लाने में काफी हद तक सफल होती दिख रही है। गेहूं स्टॉक सीमा लागू है और खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत केन्द्रीय पूल से भारी मात्रा में इसकी बिक्री की जा रही है। योजना के तहत अब तक करीब 90 लाख टन गेहूं बेचा जा चुका है।
अगले महीने से उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में नए गेहूं की सरकारी खरीद आरंभ होने वाली है। सरकार को गेहूं का बम्पर उत्पादन होने की उम्मीद है। खुले बाजार में हाल के सप्ताहों में गेहूं की कीमतों पर दबाव बढ़ा है। कहीं-कहीं नीचे दाम पर लिवाली होने से कीमतों में 17-23 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान थोड़ी तेजी आई जबकि अन्य मंडियों में भाव स्थिर या नरम रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 75 रुपए बढ़कर 2450/2500 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। उधर इंदौर में भी यह 70 रुपए की वृद्धि के साथ 2000/3170 रुपए प्रति क्विंटल हो गया मगर उज्जैन एवं खंडवा में क्रमश: 50 रुपए तथा 100 रुपए घट गया। इसी तरह गेहूं का दाम हरदा में 175 रुपए एवं भोपाल में 25 रुपए तेज रहा जबकि इटारसी में 25 रुपए नरम पड़ गया।
राजस्थान
राजस्थान में गेहूं का दाम कोटा मंडी में 50 रुपए तथा बूंदी मंडी में 25 रुपए सुधर गया जबकि बारां मंडी में 61 रुपए घट गया। राजस्थान में 10 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है।
उत्तर प्रदेश
जहां तक उत्तर प्रदेश का सवाल है तो वहां गेहूं के दाम में मिश्रित रूख देखा गया। शाहजहांपुर में इसका भाव 80 रुपए बढ़कर 2391/2441 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। इसी तरह में 10 रुपए तथा गोंडा में 40 रुपए का सुधार आया लेकिन सीतापुर एवं गोरखपुर में गेहूं के दाम में 14-15 रुपए तथा एटा मंडी में 25 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा। महाराष्ट्र की जालना मंडी में गेहूं का भाव 200 रुपए की भारी बढ़ोत्तरी के साथ 2200/3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2023-24 के रबी सीजन हेतु 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित हुआ है जबकि कई महत्वपूर्ण मंडियों में भाव घटकर इसके आसपास आ गया है।