iGrain India - नई दिल्ली। ठंडे मौसम के कारण चीनी की औद्योगिक मांग कमजोर बनी हुई है और खासकर आइसक्रीम तथा कोल्ड ड्रिंक के निर्माण में इसका इस्तेमाल सीमित हो रहा है। इसके अलावा गुड़ की खपत का सीजन भी चल रहा है। चीनी और गुड़ का भाव लगभग बराबर ही है। फरवरी माह के लिए सरकार ने 22 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा घोषित किया है जबकि कोई महत्वपूर्ण पर्व त्यौहार का समय भी नहीं है।
मिल डिलीवरी भाव
इसके फलस्वरूप 17 से 23 फरवरी 2024 वाले सप्ताह के दौरान चीनी के हाजिर एवं मिल डिलीवरी मूल्य में नरमी दर्ज की गई। चीनी का मिल डिलीवरी भाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं बिहार में कुछ ऊंचा रहा मगर पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं गुजरात में काफी घट गया।
हाजिर भाव
हाजिर बाजार में भी चीनी नरम रही। दिल्ली में इसका दाम 10 रुपए गिरकर 4020-4040 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। मध्य प्रदेश के इंदौर में यह 50-60 रुपए प्रति क्विंटल तथा छत्तीसगढ़ के रायपुर में 10-45 रुपए घटकर नीचे आ गया।
मुम्बई (वाशी) मार्केट में चीनी 10-20 रुपए नरम रही जबकि इसका नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य भी 10 रुपए कमजोर रहा।
चीनी टेंडर
चीनी का टेंडर मूल्य महाराष्ट्र में एस ग्रेड एवं एल ग्रेड के लिए क्रमश: 20 रुपए एवं 5 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा मगर एम ग्रेड के लिए 25 रुपए तेज रहा। कर्नाटक में चीनी के टेंडर में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया। उधर कोलकाता में चीनी के हाजिर बाजार मूल्य में 75 रुपए प्रति क्विंटल तक की भारी गिरावट दर्ज की गई।
निर्यात
चीनी के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है और ब्राजील में रिकॉर्ड उत्पादन होने से इसके वैश्विक बाजार मूल्य पर दबाव भी बढ़ गया है। न्यूयार्क तथा लंदन एक्सचेंज में कच्ची चीनी तथा सफेद चीनी के वायदा मूल्य में पिछले कुछ दिनों से नरमी का माहौल देखा जा रहा है। उद्योग समीक्षकों का कहना है कि यद्यपि सरकार ने गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 2023-24 सीजन के 315 रुपए प्रति क्विंटल से 25 रुपए या 8 प्रतिशत बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 340 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है मगर चीनी के घरेलू बाजार भाव पर तत्काल इसका कोई विदेश सकारात्मक असर पड़ना मुश्किल है।