iGrain India - नई दिल्ली । भारत में ब्राजील से 3000 टन उड़द का आयात पहले ही हो चुका है जबकि चालू वर्ष के दौरान 20 हजार टन अतिरिक्त उड़द का आयात होने की संभावना है।
भारत में परम्परागत रूप से मुख्यत: म्यांमार से उड़द का आयात होता रहा है लेकिन अब सरकार इसके लिए किसी एक देश पर ही निर्भर नहीं रहना चाहती है इसलिए विभिन्न वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही है ताकि कोई देश भारत की विवशता का अनुचित फायदा न उठा सके।
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय उपभोक्ता मामले सचिव ने नवम्बर 2023 में भारत के दौरे पर आए ब्राजील के अधिकारियों एवं बिजनेसमैन से अपने देश में दलहनों और खसकर अरहर (तुवर) एवं तुवर का उत्पादन बढ़ाने पर विशेष रुप से ध्यान देने का आग्रह किया था
ताकि भारत में इसके अभाव को दूर करने में सहायता मिल सके। अरहर एवं उड़द का उत्पादन घरेलू मांग एवं जरुरति से काफी कम होता है और इसलिए विदेशों से इसके विशाल आयात की आवश्यकता बनी रहती है।
उपभोक्ता मामले सचित के अनुसार देश के 140 करोड़ उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर खाद्य उत्पादों की पर्याप्त आपूर्ति एवं उपलब्धता सुनिश्चित करवाने की आवश्यकता है और सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।
इनका कहना है कि इसमें दो मुद्दे हैं- उचित मूल्य एवं पर्याप्त चुनाव उपलब्धता / और ये दोनों आयात जुड़े हुए हैं। भारत पूल रूप से एक शाकाहारी देश है और चूंकि आमदनी का स्तर बढ़ता जा रहा है इसलिए प्रोटीन से समृद्ध दाल-दलहन की मांग एवं खपत भी तेजी से बढ़ रही है।
इस बढ़ने वाली मांग को पूरा करने के लिए सिर्फ म्यांमार पर निर्भर रहना ठीक नहीं है। दलहन आयात के नए-नए स्रोतों को तलाशना जरुरी है। इसी संदर्भ में ब्राजील तथा अर्जेन्टीना में उत्पादित दलहनों का आयात बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
ब्राजील से इस वर्ष 20 हजार टन उड़द का आयात होने वाला है और वहां से तुवर के आयात तथा उत्पादन के मुद्दे पर भी बातचीत हो रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल भारत में करीब 31 लाख टन दलहनों का आयात हुआ जिसमें आधी से अधिक मात्रा मसूर की थी। इसका आयात मुख्यत: कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया से लिया गया था।
इसके अलावा तुवर एवं उड़द का भी विशाल आयात हुआ जबकि देसी चना, काबुली चना, राजमा तथा लोबिया जैसे दलहनों का भी सीमित मात्रा में आयात हुआ।
सरकार ने दिसम्बर 2023 के प्रथम सप्ताह में पीली मटर का आयात भी खोल दिया जिससे इसका आयात आरंभ हो गया। चालू वर्ष के दौरान मटर की बदौलत दलहनों का कुल आयात बढ़कर पिछले साल से ऊपर पहुंच जाने की संभावना है।