iGrain India - नई दिल्ली । रबी सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- गेहूं की नई फसल की आवक जल्दी ही कुछ राज्यों में आरंभ होने वाली है। उत्तर प्रदेश में 1 मार्च तथा राजस्थान में 10 मार्च से गेहूं का सरकारी खरीद शुरू करने का निश्चय किया गया है। इधर सरकार फरवरी के अंत तक खुले बाजार बिक्री योजना के तहत गेहूं का साप्ताहिक ई-नीलामी उत्तरी राज्यों में बंद करने का प्लान बना रही है।
अभी तक मौसम जरूरत से बहुत ज्यादा गर्म नहीं हुआ है इसलिए सरकार को गेहूं के शानदार उत्पादन की उम्मीद है। गेहूं तथा उसके मूल्य संवर्धित उत्पादों के व्यापारिक निर्यात पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि इस पर भंडारण सीमा भी लागू है।
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गत वर्ष के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर इस वर्ष 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के किसान या तो 13 फरवरी से आरंभ हुए किसान आंदोलन में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल हैं या उसे अपना नैतिक समर्थन दे रहे हैं।
यह देखना दिलचस्प होगा कि गेहूं की सरकारी खरीद पर इस किसान आंदोलन का कितना असर पड़ता है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पंजाब केन्द्रीय पूल में गेहूं का सर्वाधिक योगदान देने वाला राज्य और किसानों का सबसे बड़ा आंदोलन भी वहीँ चल रहा है।
वैसे राहत की बात यह है कि पंजाब-हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है। सरकार को उम्मीद है कि उससे पूर्व ही किसानों के साथ समझौता हो जाएगा।
असली सस्य उत्तरी भारत के फ्लौर मिलर्स एवं व्यापारियों के समक्ष उत्पन्न होगी क्योंकि मिलर्स को मार्च से सरकारी गेहूं मिलना बंद हो जाएगा और व्यापारियों को भंडारण सीमा के कारण बड़ी मात्रा में गेहूं खरीदने का अवसर नहीं मिल पाएगा।
इससे किसानों को विवश होकर सरकारी क्रय केन्द्रों पर अपना अनाज बेचना पड़ेगा। गेहूं के कारोबार पर सख्त सरकारी नियंत्रण लागू है। नए माल की आवक शुरू होने पर बाजार की कैसी प्रतिक्रिया रहेगी, यह देखना जरुरी होगा।
भारत आटा की नियमित बिक्री से गेहूं के दाम पर कुछ दबाव पड़ा है और थोक मंडियों में इसका भाव स्थिर या नरम पड़ गया है। ओएमएसएस में बिक्री बंद होने पर कुछ समय के लिए गेहूं की कीमत थोड़ी-बहुत सुधर सकती है मगर बाद में जब जोरदार आवक होने लगेगी तब इसमें कुछ नरमी भी आ सकती है। सामान्य उतार-चढ़ाव पूर्ववत जारी रह सकता है।