iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने राज्यों को 1 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से गेहूं की खरीद शुरू करने हेतु दिशा निर्देश जारी किया है जो खरीद की सामान्य तिथि से आगे है।
खरीदे गए गेहूं के मूल्य का भुगतान 48 घटने के अंदर किसानों के बैंक खाते में सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले 12-13 दिनों से किसान आंदोलन चल रहा है और अब इसमें तेजी आने लगी है। जब तक यह आंदोलन समाप्त नहीं होता तब तक गेहूं की खरीद में बाधा पड़ सकती है।
अनेक क्षेत्रों में इस बार गेहूं की अगैती बिजाई हुई और इसका क्षेत्रफल भी पिछले सीजन से बढ़ गया। इसके अलावा मौसम की हालत कमोबेश फसल के लिए अनुकूल रही है।
ऋषि मंत्रालय ने 1140 लाख टन गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य नियत किया है और उसे लक्ष्य हासिल होने की पूरी उम्मीद है। वर्ष 2023 में सरकार ने 342.50 लाख टन गेहूं की हृद का लक्ष्य रहा था जबकि वास्तविक खरीद 262 लाख टन तक ही पहुंच सकी।
किसान आंदोलन के बावजूद सरकार को गेहूं की खरीद प्रक्रिया में बाधा पड़ने की आशंका नहीं है। केन्द्रीय खाद्य सचिव के अनुसार इस बार उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार जैसे राज्यों में अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है जहां पिछले दो वर्षों से इसकी बहुत कम खरीद हो रही है।
उनका कहना है कि पंजाब-हरियाणा में गेहूं की खरीद प्रक्रिया आरंभ होने से पूर्व किसान आंदोलन का मुद्दा समाप्त हो जाएगा और इसलिए गेहूं की कुल खरीद पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है।
28 फरवरी को राज्यों के खाद्य सचिवों की प्रस्तावित बैठक में चालू वर्ष के लिए गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित होने की संभावना है। शानदार उत्पादन की उम्मीद को देखते हुए सरकार गेहूं की खरीद का ऊंचा लक्ष्य नियत कर सकती है।
प्रांतीय स्तर पर इसकी खरीद के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। कृषि मंत्रालय के अनुसार गेहूं की फसल काफी अच्छी स्थिति में है और अभी तक तापमान भी सामान्य स्तर के आसपास ही है। आगे भी हीट वेव की आशंका नहीं जताई गई है। इस बार 80 प्रतिशत क्षेत्र में गर्मी बर्दाश्त करने वाली किस्मों के गेहूं की खेती हुई है।