iGrain India - मास्को । रूसी गेहूं के निर्यात ऑफर मूल्य में जनवरी 2024 के आरंभ से ही गिरावट का रूख बना हुआ था और अब तक इसमें 45-50 डॉलर प्रति टन तक की भारी गिरावट आ चुकी है लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अब यह नरमी का दौर थम गया है।
कम से कम तात्कालिक तौर पर इसमें नरमी का माहौल नहीं देखा जा रहा है। निर्यातकों के अनुसार 12.5 प्रतिशत प्रोटीन से युक्त रूसी गेहूं का फ्री ऑन बोर्ड निर्यात ऑफरमूल्य नोवोरोसियस्क, तमाम, तुआर से तथा कावजाल जैसे बंदरगाहों पर घटकर 199-200 डॉलर प्रति टन के निम्न स्तर पर आ गया है जो जुलाई 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
जनवरी 2024 के आरंभ में निर्यात ऑफर मूल्य 250 डॉलर प्रति टन पर चल रहा था लेकिन वहां इसका भाव अस्थायी रूप से कुछ ही दिनों तक स्थिर रहा और फिर घटकर नीचे आने लगा।
नीचे में यह गिरकर 190 डॉलर प्रति टन तक आया था और उसके बाद इसमें 9-10 डॉलर पर सुधार दर्ज किया गया। अप्रैल शिपमेंट के लिए गेहूं का निर्यात ऑफर मूल्य 100 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।
उधर चीन द्वारा अमरीकी गेहूं के कुछ निर्यात अनुबंधों को कैंसिल किए जाने से शिकागो एक्सचेंज में इसकी कीमतों पर दबाव बढ़ने लगा है। रूस का गेहूं सबसे आकर्षक मूल्य स्तर पर उपलब्ध है।
रूस में निर्यात मूल्य घटने से गेहूं के घरेलू बाजार भाव में नरमी आ गई लेकिन इसकी तीव्रता कम रही और उसमें महज 18 डॉलर (1600 रूबल) प्रति टन की गिरावट दर्ज की गई। वहां गेहूं का हाजिर बाजार भाव गिरकर 139 डॉलर (12,770 रूबल) प्रति टन पर आ गया है।
ज्ञात हो कि रूस दुनिया में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक और तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। रूस के गेहूं पर करीब 36.40 डॉलर अथवा 3344.50 जबकि प्रति टन की दर से निर्यात लागू है जबकि इस पर 18-20 डॉलर प्रति टन का परिवहन खर्च भी बैठता है। इस तरह मार्केट से बंदरगाह तक पहुंचने तथा वहां से विदेशों में इसका निर्यात करने का खर्च ऊंचा हो गया है।