iGrain India - विजयवाड़ा। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों में बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर घटकर काफी नीचे आने से धान तथा दलहन फसलों की सिंचाई में भारी बाधा उत्पन्न हो गयी है। आंध्र प्रदेश में कुछ जलाशय सूख गये हैं जबकि कुछ अन्य में 10 प्रतिशत से भी कम पानी बचा हुआ है। नागार्जुन सागर बाँध में भी पानी का स्तर बहुत घट गया है। कुल भंडारण क्षमता के सापेक्ष आंध्र प्रदेश में 31 प्रतिशत, तमिलनाडु में 30 प्रतिशत और कर्नाटक में 24 प्रतिशत पानी का स्टॉक मौजूद है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में धान की फसल पानी के अभाव में सूखने लगी है। कुछ क्षेत्रों में किसानों ने फसल को भगवान के भरोसे छोड़ दिया है इसी तरह कुछ इलाकों में रबीकालीन दलहन फसलों को पानी की कमी से भारी नुकसान हो रहा है।
बिहार में भी जलाशयों में पानी का भण्डार सामान्य स्तर से 65 प्रतिशत नीचे आ गया है। दक्षिणी राज्यों में रबीकालीन धान की फसल मैच्योर होने लगी है और इस समय उसे सिंचाई की सखी आवश्यकता है अन्यथा दाने का ठीक से विकास नहीं हो पाएगा और उसकी उपज दर तथा क्वालिटी कमजोर पड़ सकती है।
उत्तर प्रदेश में भी पानी का अभाव बना हुआ है। वहां जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 19.663 बीसीएम है जबकि पानी का वास्तविक भण्डार 6.439 बीसीएम है जो कुल क्षमता का महज 33 प्रतिशत है। लेकिन कुछ भागों में बारिश होने तथा हिमालय पर बर्फ पिघलने की सम्भावन है जिसे देखते हुए उत्तरी क्षेत्र में स्थिति उतनी खराब नहनी है जितनी दक्षिणी भारत में है।