iGrain India - मुम्बई। केंद्र सरकार के तमाम मे नीतिगत प्रयासों से घरेलू प्रभाग में दाल-दलहनों का भाव काफी हद तक स्थिर या नरम हो गया है। यह स्थिति तब है जब चालू वर्ष के आरंभिक तीन महीनों मै तुवर, उड़द एवं मसूर का आयात 29 प्रतिशत घटकर 5.16 लाख टन के करीब सिमट गया। गत वर्ष की समान अवधि के मुकाबले जनवरी-मार्च 2024 के दौरान तुवर का आयात 2.52 लाख टन से लुढ़ककर 1.25 लाख टन, उड़द का आयात 1.39 लाख टन से फिसलकर 1.28 लाख टन तथा मसूर का आयात 3.33 लाख टन से फिसलकर 2.65 वाल टन पर अटक गया।
उद्योग व्यापार समीक्षकों का कहना है कि घरेलू उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद ये मसूर का भाव नरम रह सकता है। सरकार ने इस बार 16 लाख टन मसूर के उत्पादन का अनुमान लगाया है जबकि कनाडा एवं ऑस्ट्रेलिया किया से इसका निरंतर आयात हो रहा है। व्यापारियों एवं सरकार के पास मसूर वा अच्छा-खासा स्टॉक है और इसके नए माल की आवक भी शुरू हो गई है। इससे आपूर्ति की स्थिति बेहतर बनी रहेगी।
पिछले ही साल 2022-23 एवं 2023-24 के खरीफ सीजन में विभिन्न करने से तुवर एवं उड़द की फसल प्रभावित हुई जिससे इसके उत्पादन में गिरावट आ गई। वर्ष 2023 की पूरी अवधि (जनवरी-दिसंबर) के दौरान देश में करीब 29.80 लाख टन दलहनों का आयात हुआ जो 2022 हे आयात 20 लाख टन से ज्यादा था। इसके तहत मसूर, तुवर एवं उड़द का संयुक्त आयात काफी बढ़ा। सरकार ने इसके शुष्क युक्त आयात की अवधि बढ़ा दी। अब पीली मटर का भी विभाव आयात हो रहा है। उमीद की जा रही है कि आगामी महीनों से दलहनों की आपूर्ति एवं उपलब्ध्ता की स्थिति काफी हद तक सूक्ष्म रह सकती है क्योंकि यह रबी कालीन दलहनों के नए माल की आवक यी शुरू होने वाली है।